राजनांदगांव राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ‘‘बिहान’’ जिला एवं विकासखण्ड राजनांदगांव अंतर्गत स्वीप योजना विगत दो वर्षों से क्रियान्वित है, जिसका उद्देश्य स्व सहायता समूह से जुड़ी ग्रामीण महिलाओं एवं उनसे संबंधित पारिवारिक पृष्ठभूमि के लोगों को व्यवसायिक गतिविधियों के माध्यम से रोजगार से जोड़कर उन्हे गरीबी निजात दिलाना है। योजना के माध्यम से विकासखण्ड राजनांदगांव के 800 से अधिक ग्रामीण परिवार लाभान्वित हो चुके हैं। इस कड़ी में विकासखंड राजनांदगांव के ग्राम अउरदा निवासी श्रीमती कुमारी बाई सूर्यवंशी का परिवार जीवंत उदाहरण है, जो गरीबी और अभावग्रस्त जीवन व्यतित करने के लिए विवश था। परिवार के भरण-पोषण हेतु श्रीमती कुमारी बाई वर्ष 2015 से कपड़े सिलाई कार्य कर रही है, इसमें उन्हें पति का सहयोग प्राप्त था, जो कि मजदूरी से लगभग 3 हजार रूपए अर्जित कर पाते थे।
वर्ष 2018 में जिला राजनांदगांव में योजना का शुभारंभ हुआ तथा कविता वर्मा सीआरपी-ईपी ने उनके स्व सहायता समूह का निरीक्षण कर, योजना के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। जिससे प्रेरित होकर कुमारीबाई सूर्यवंशी बीआरसी कार्यालय पहुंची। जहां सीआरपी-ईपी कविता वर्मा के मार्गदर्शन से प्रेरित होकर उन्होंने रेडीमेड शर्ट इकाई प्रारंभ करने का निर्णय लिया इसके साथ-साथ अपने सिलाई व्यवसाय को भी जारी रखा। इन्हे स्वीप योजना अंतर्गत सीईएफ लोन 50 हजार रूपए प्राप्त हुआ, जिसमें इन्होंने कच्चा माल (कपड़े) एवं मशीन का क्रय किया।
स्व प्रेरित व मेहनती कुमारीबाई सूर्यवंशी ने जिला पंचायत, कलेक्ट्रेट परिसर में आयोजित 3 दिवसीय बिहान प्रदर्शनी में कुल 40 हजार रूपए का विक्रय किया। इसके बाद प्रदेश एवं उससे बाहर के राज्यों में आयोजित विभिन्न 6 सरस मेला में सम्मिलित होकर प्रति मेला 20 हजार रूपए से 50 हजार रूपए तक अर्जित किए।
रायपुर से कच्चा माल खरीदकर शर्ट बना रही हैं, जिससे उन्हें प्रतिमाह लगभग 20 हजार रूप्ए की आय प्राप्ति हो रही है। वर्तमान में वे शासन द्वारा आयोजित होने वाले सरस मेला हेतु उत्पादन कार्य में व्यस्त हैं। स्वीप योजना के सहयोग से कुमारीबाई सूर्यवंशी ने स्वयं को एक व्यवसायी के रूप में स्थापित करते हुए जिस तीव्रता से अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार किया, वह घुमका संकुल क्षेत्र की ग्रामीण महिलाओं के लिए मार्गदर्शक साबित हुई।