,अब मिल रहा है शुद्ध पेयजलपांच बसाहटों में 4 हजार 500 मीटर पाईप लाईन की व्यवस्था
रायपुर, 05 दिसंबर 2020/ लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरु रूद्रकुमार की पहल पर कांकेर जिले के ग्रामीणों को फ्लोराइड मुक्त शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि कांकेर जिले की भौगोलिक संरचना मैदानी, पहाड़ी एवं पठारीय होने के कारण मैदानी क्षेत्रों में भी लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा अब बेहतर पेयजल व्यवस्था उपलब्ध कराया जा रहा है। परन्तु जिले के पहाड़ी और पठारीय क्षेत्रों में पेयजल व्यवस्था करना चुनौतीपूर्ण कार्य था। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा इस कठिन चुनौती को स्वीकार करते हुए मैदानी क्षेत्रों में ही नहीं बल्कि पहाड़ी एवं पठारीय क्षेत्र के प्रत्येक ग्रामों में भी पर्याप्त पेयजल की व्यवस्था की गई है। जिसके तहत कांकेर जिले के 1069 ग्रामों में 11 हजार 926 हैण्डपंप स्थापित किये गये हैं। जिससे ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल प्राप्त हो रहा है। इसके अतिरिक्त जिले के 130 ग्रामों में नलजल प्रदाय योजना तथा 415 सोलर डयूल पंप स्थापित कर पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है।
जिला मुख्यालय कांकेर से लगभग 50 किलोमीटर की दूरी सांईमुण्डा गांव स्थित है। इस गांव में मुख्य रूप से 5 बसाहट है। जहां विभाग द्वारा 14 एवं अन्य विभाग द्वारा 5 हैण्डपंप इस प्रकार कुल 19 हैण्डपंप ग्राम में स्थापित किये गये हैं। सांईमुण्डा में स्थापित सभी हैण्डपंपों के जल का परीक्षण किया गया तो पता चला कि 98 प्रतिशत हैण्डपंपों में फ्लोराईड की मात्रा मानक से अधिक पाई गई थी, जो कि स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। जिसके कारण लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा ग्राम में नवीन नलकूप का खनन कर नलकूप के जल स्तर का परीक्षण करने के बाद पेयजल हेतु पानी सुरक्षित पाये जाने पर नवीन नलकूप से 4 हजार 500 मीटर पाईप लाईन बिछाकर 50 हजार लीटर पानी की क्षमता वाली आरसीसी उच्च स्तरीय जलागार का निर्माण कर सांईमुण्डा के ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराई जा रही है। ग्राम सांईमुण्डा के पांच बसाहट आवासपारा, डबरीपारा, डोडरापारा, खासपारा और पटेलपारा के सभी जल स्त्रोंत में फ्लोराईड अधिक मात्रा में पाई जाती है, उस स्थानों में ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए जल गुणवत्ता मिशन के अंतर्गत इलेक्ट्रोलायटीक डीफ्लोराईड प्लांट लगाया जाना प्रस्तावित किये जाने के पश्चात स्वीकृति मिलते ही ग्राम के पांच बसाहटों में एक-एक इलेक्ट्रालायटीक डीफ्लोराईड प्लांट स्थापित किया गया है। जिससे अब लोगों को शुद्ध पेयजल आसानी से उपलब्ध होने लगा है, ग्रामीणों को फ्लोराईड युक्त जल से भी मुक्ति मिल गई है। सांईमुण्डा के ग्रामीणों ने परीक्षण के पश्चात् शीघ्र नलकूप खनन कराये जाने एवं एक-एक इलेक्ट्रालायटीक डीफ्लोराईड प्लांट स्थापित कराने के लिए राज्य शासन का आभार व्यक्त किया है।