डब्लूएचओ ने लिया जेई टीकाकरण अभियान का जायजा


23 नवम्बर से 18 दिसंबर तक चलेगा अभियान, 11 दिनों में 60 फीसदी बच्चों को लगे जेई टीके


धमतरी, 4 दिसम्बर । जापानी बुखार से बचाव के लिये जेई टीकाकरण अभियान की शुरुआत की गयी है। इस टीकाकरण अभियान का मुख्य उद्देश्य 1 से 15 वर्ष के बच्चों को जेई के टीके लगाकर मस्तिष्क ज्वर से सुरक्षित करना है । 23 नवम्बर से 18 दिसम्बर 2020 तक चलने वाले इस अभियान के तहत धमतरी जिले के कुरूद ब्लाक में शुरुआत के 11 दिनों में लगभग 60 प्रतिशत बच्चों को जेई के टीके लग चुके है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा मिली जानकारी के अनुसार धमतरी जिले के कुरुद ब्लॉक में कुल 52,353 बच्चों को जेई के टीके लगाने का लक्ष्य रखा गया है। अब तक ब्लॉक के 41 उपस्वास्थ्य केंद्रों के अंतर्गत 31,122 बच्चों को जापानी इंसेफेलाइटिस के टीके लगाए गए। जापानी बुखार से बचाव के लिए चलाये जा रहे जेई टीकाकरण अभियान की गुणवत्ता का जायजा आज डब्लूएचओ ने लिया । डब्लूएचओ कंसल्टेंट डॉ. नितिन पाटिल ने कुरुद ब्लॉक के टीकाकरण केंद्र चर्रा, चरमुरिया, कुकहा, भैंसमुंडी, गबौद सहित आंगनबाड़ी केंद्र क्रमांक-5 कुरुद पहुंच कर टीकाकरण सत्र की गुणवत्ता का निरीक्षण किया ।
कुरुद ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी डॉ. यू.एस. नवरत्न ने बताया, बच्चे को मस्तिष्क ज्वर से बचाने के लिए जैपनीज इंसेफ्लाइटिस टीकाकरण कराना विभाग के साथ-साथ माता पिता की भी जिम्मेदारी है। भारत सरकार के दिशा निर्देश के अनुरूप छत्तीसगढ़ के 5 जिलों बस्तर, बीजापुर, दंतेवाड़ा, कोंडागांव तथा धमतरी जिले में 26 दिनों तक टीकाकरण का अभियान चलाया जा रहा। टीकाकरण से कोई भी बच्चा ना छूटे इसके लिए जनप्रतिनिधियों और आमजनों से भी सहयोग के लिए अपील की जा रही है। उपस्वास्थ्य केंद्रों, हेल्थ एवं वेलनेस सेंटरों, प्राथमिक शाला व मिडिल स्कूलों के भवनों में सत्र लगाकर 18 दिसंबर तक बच्चों का टीकाकरण कार्यक्रम को सुनिश्चित करना है।
उप स्वास्थ्य केंद्र नारी के ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक (आर एच ओ) हरिशंकर साहू ने बताया, इस अभियान को शत प्रतिशत सफल बनाने के लिए प्रत्येक सत्र में आरएचओ, शिक्षक, मितानीन व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का सहयोग लिया जा रहा। इस अभियान में कोरोना संक्रमण से बचाव का भी ध्यान रखा जा रहा है। ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक साहू ने बताया, हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर नारी में तीन सत्रों में 1,816 बच्चों के लक्ष्य के सापेक्ष 540 बच्चों को जापानी इनसफेलाइटीस का टीका लगाया जा चुका है। टीकाकरण के लिए बच्चों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग रखने, टीकाकरण के दौरान मास्क, ग्लव्स का प्रयोग करने आदि का विशेष तौर से पालन करने के निर्देश दिये गये है।
जनवरी से नियमित टीकाकरण कार्यक्रम में बच्चों को लगेगा जेई का टीका
बीएमओ डॉ. नवरत्न ने बताया, स्वास्थ्य विभाग द्वारा अब जनवरी से नियमित टीकाकरण कार्यक्रम में भी जेई का टीका लगाने की तैयारी की जा रही है । जनवरी 2021 से दिमागी बुखार के प्रति बच्चों में प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करने के लिए यह टीका लगाया जाएगा। उन्होंने बताया इन्सेफेलाइटिस को जापानी बुखार के नाम से भी जाना जाता है। दिमागी बुखार का वायरल संक्रमण 1 से 15 साल की उम्र के बच्चों चपेट में ले लेता है। यह क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। और गंदगी वाली जगह पर पनपता है। जापानी इन्सेफेलाइटिस में बुखार होने पर बच्चे की सोचने, समझने और सुनने की क्षमता प्रभावित हो जाती है। इस बीमारी से ग्रसित बच्चों में तेज बुखार, सिरदर्द, गर्दन में अकड़न, उदासीनता, बेहोशी, झटके, मरोड़, लकवा और बाद में मौत भी हो सकती है । इसके 70 प्रतिशत रोगी या तो मृत हो जाते हैं अन्यथा दीर्घकालिक न्यूरोलॉजिकल विकलांगता से ग्रसित हो जाते हैं ।
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