नई दिल्ली : केंद्रीय वित्त मंत्री और कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने वर्चुअल माध्यम से 20वें श्रीलंका इकोनॉमिक सम्मेलन (एसएलईएस) में मुख्य भाषण संबोधित किया। एसएलईएस का हर वर्ष सीलोन चैम्बर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजन किया जाता है। सीलोन चैम्बर ऑफ कॉमर्स श्रीलंका का आर्थिक और व्यापारिक मामलों के मुद्दों को उठाने वाला प्रमुख संगठन है। इस बार सम्मेलन की थीम “रोडमैप फॉर टेक ऑफ: ड्राइविंग ए पीपुल-सेंट्रिंक इकोनॉमिक रिवाइवल” है। उद्घाटन के मौके पर श्रीलंका के राष्ट्रपति महामहिम श्री गोटाबाया राजपक्षे ने अध्यक्षता की।
सम्मेलन के दौरान वित्त मंत्री ने भारत द्वारा महामारी के दौरान उठाए गए कदमों के बार में जानकारी दी। इसके अलावा उन्होंने कहा कि भारत श्रीलंका के आर्थिक विकास के लिए लगातार कदम उठा रहा हैं। इसके लिए जरूरी नीतिगत बदलाव भी किए जा रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि भारत के “आत्मनिर्भर अभियान” और “अपने पर भरोसा रखने वाला (सेल्फ रिलाएंट) श्रीलंका” का विजन एक दूसरे के पूरक हैं। दोनों देशों के प्रयासों से भारत-श्रीलंका कहीं ज्यादा मजबूत होंगे। उसके अलावा वित्त मंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत और श्रीलंका के नागरिक केंद्रित नीतियों से ही दोनों देशों के लोगों का पूर्ण विकास हो सकेगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि भारत-श्रीलंका के विकास का मजबूत साझेदार है। और आगे भी दोनों देशों के बीच मजबूत आर्थिक सहयोग जारी रहेगी। उन्होंने यह भी कहा कि उद्योग और निजी क्षेत्र के विकास के लिए एक टिकाऊ और भरोसेमंद नीति होना बेहद जरूरी है।