रायपुर, बीते दिनों हमारे एक मित्र ने व्हाट्सएप पर एक न्यूज मुझे भेजी, जिसे पढ़ कर थोड़ा आश्चर्य हुआ, जब हमने इस बावत क्रिटिकल केयर विशेषज्ञ मेकाहारा रायपुर के डॉ.ओपी सुंदरानी से चर्चा की तो उन्होंने बताया कि आज समूचा विश्व कोरोना महामारी की चपेट में है वही इस महामारी में लापरवाही से कई जाने भी जा रही है, उसकी मुख्य वजह लोगो का जागरूक न होना और नीम हकीमो द्वारा बताए जा रहे नुस्खे आजमाने की कवायद तेज हो रही है। सोशल मीडिया में एक खबर जम कर वायरल हो रही है जिसकी पड़ताल शुरू हुई तो आश्चर्य जनक बाते सामने आई।
आपको बता दे कि भीम राव अम्बेडकर हॉस्पिटल रायपुर के (मेकाहारा) क्रिटिकल केयर विशेषज्ञ डाॅ ओ पी सुंदरानी विशेष कोविड केयर के विसेसज्ञ है जिनके कुशल मार्गदर्शन से हजारों मरीज पूणतःस्वास्थ हो चुके है।उन्होंनेबताया कि अफवाहों से सभी को बचना जरूरी है किसी भी तरह की परेशानी होने पर तुरंत पास के नजदीकी स्वास्थ केंद्रों में जाए और समय पर ईलाज करवाने से इस बीमारी से बचाव की उम्मीद 90 %तक बढ़ जाती है परंतू कई मामलों में देखा गया है कि मरीजो को इस बीमारी के बारे में कम जानकारी व भृमक खबरों की वजह से अपनी जान से हाँथ धोना पड़ता है, मरीजो की हालत जब नाजुक हो जाती है तब वह अस्पताल का रुख करते है और इसी लापरवाही की वजह से असमय मृत्यु के आंकड़ो में बढ़ोत्तरी होती है।
क्या करे क्या न करे
डॉ ओ पी सुंदरानी ने बताया कि इस बीमारी से बचने के लिए मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करे अति आवश्यक हो तभी घरों से निकले , साबुन से अच्छी तरह हाँथ धोए खान पान में सुधार करें, नशे से दूर रहे बीड़ी सिगरेट शराब की वजह से मरीजो को ज़्यादा तकलीफ होती है इसका त्याग करें व नियमित व्यायाम करें।
समय पर करवाए इलाज:डॉ. सुंदरानी
चिंताजनकआई सी यू में अधिक हो रही मौतें कोविड 19 की संक्रमण दर अभी कम है लेकिन आई सी यू में मौतें अधिक हो रही हैं। इससे चिकित्सक भी चिंतित हैं क्योंकि उनके हर संभव प्रयास के बाद भी कुछ मरीज नहीं बच पा रहे हैं। मेकाहारा के क्रिटिकल केयर विशेषज्ञ डाॅ ओ पी सुंदरानी ने बताया कि अभी ग्रामीण क्षेत्रों से ऐसे बहुत केस आ रहे हैं जिनकी उम्र 60 से अधिक है और वहीं अप्रशिक्षित प्रैक्टिशनर से इलाज कराना शुरू करते हैं और जब तकलीफ बहुत बढ़ जाती है तभी शासकीय स्वास्थ्य केन्द्र लाते हैं और कई मामलों में मरीज आई सी यू में भी स्टेबल नहीं हो पाते हंै।
डाॅ सुंदरानी ने कहा कि घर के युवा सदस्यों को कोविड अनुकूल व्यवहार करना चाहिए जैसे मास्क लगाना, भीड़ से बचना आदि अन्यथा वे यदि संक्रमित हो गए तो उनकी तबीयत ठीक हो सकती है लेकिन बुजुर्गाें को इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ते हैं। इसलिए बुजुर्गांे को यदि मामूली सर्दी,बुखार, शरीर में दर्द,थकान,भूख न लगना आदि लक्षण दिखे तो तुरंत किसी चिकित्सक से ही जांच करानी चाहिए। जल्दी जांच और इलाज से मरीज के स्वस्थ होने की संभाावनाएं बढ़ जाती हैं।
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