पेट्रोल-डीजल के दाम कम करने के बजाय 3 रू. प्रति लिटर एक्साइज बढ़ाना गलत : त्रिवेदी

पेट्रोल-डीजल के दाम कम करने के बजाय 3 रू. प्रति लिटर एक्साइज बढ़ाना गलत

मोदी सरकार में भारत की अर्थव्यवस्था को कोरोना हो गया है

मोदी-शाह सरकार को कच्चे तेल के घटे हुये अंतर्राष्ट्रीय दामों का लाभ देश की जनता को पहुंचाकर फौरन पेट्रोल-डीजल, गैस के मूल्य 40 प्रतिशत कम करने चाहिये

रायपुर/14 मार्च 2020। पेट्रोल-डीजल के दामों में सिर्फ 14 पैसे और 17 पैसे की कमी को अपर्याप्त और अन्यायपूर्ण निरूपित करते हुये प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि भाजपा सरकार ने पिछले 6 सालों में आम आदमी की जेब से 15 लाख करोड़ निकाल लिये है। आज जब अर्थव्यवस्था का बुरा हाल है तो ईंधन के दामों में 3 रू. प्रति एक्साइज बढ़ाकर भाजपा सरकार ने आम आदमी के जख्मों पर नमक छिड़कने का काम किया है। पहले हर सप्ताह और बाद में हर दिन क्रूड आइल के दामों में वृद्धि का हवाला देकर पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ाने और महंगाई बढ़ाने का जनविरोधी कृत्य करते रहे। अब अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल क्रूड आईल का दाम घटकर 30 डालर प्रति बैरल हो जाने के बाद मोदी सरकार द्वारा इसका लाभ पेट्रोल-डीजल के उपभोक्ताओं तक पहुंचाने के बजाय एक्साइज ड्यूटी में 3 रू. प्रति लिटर की वृद्धि का गरीब विरोधी जनविरोधी फैसला मोदी सरकार ने लिया है। कच्चा तेल गिर कर 30-32 डॉलर प्रति बैरल हो गया, परंतु नवंबर 2004 में जब कच्चा तेल 38 डॉलर प्रति बैरल था, उसके बराबर कीमतें लाना तो दूर, मोदी सरकार पेट्रोल में 32 रुपया 45 पैसे और डीजल में 38 रूपया 69 पैसे प्रति लीटर खुद की जेब में डाल रही हैं। ये कहाँ का न्याय है?

प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि मोदी-शाह सरकार को अंतर्राष्ट्रीय कच्चे तेल के मूल्यों में भारी कमी के अनुरूप पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस के मूल्यों को 35 से 40 प्रतिशत कम करके कच्चे तेल के अंतर्राष्ट्रीय दामों में आई रिकार्ड गिरावट का लाभ देश की जनता को देना चाहिये। ताकि उन्हें स्टैगफ्लेशन (कमर तोड़ महंगाई एवं आर्थिक मंदी) तथा बढ़ती बेरोजगारी से कुछ राहत मिल सके। आज देश के अंदर नहीं पूरी दुनिया में कच्चे तेल की कीमत 30 डॉलर से 32 डॉलर प्रति बैरल हो गई है। 2004, नवंबर में जब कच्चा तेल 38 डॉलर प्रति बैरल था, तो देश में पेट्रोल की कीमत 37 रुपया 84 पैसे थी, पर आज जब 35 डॉलर प्रति बैरल से कम है, तो देश में पेट्रोल की कीमत 70 रुपया 29 पैसे प्रति लीटर है यानी 32 रुपया 45 पैसे प्रति लीटर हर एक लीटर पेट्रोल के साथ मोदी सरकार जबरन अपनी जेब में डाल रही हैं और आम उपभोक्ता का नुकसान कर रहे हैं।
नवंबर 2004 में कच्चे तेल की कीमत 38 डॉलर प्रति बैरल थी, तो देश में डीजल की कीमत 26 रुपया 28 पैसे थी मोदी जी। आज जब 35 डॉलर प्रति बैरल से कम कच्चे तेल की कीमत है, तो डीजल की कीमत देश में 65 रुपया 97 पैसे है, 26 रुपया 28 पैसे के मुकाबले में प्रति लीटर। यानी 38 रूपया 69 पैसे मोदी सरकार अपनी जेब में डाल रही हैं और जनता की, किसान की, गरीब की, स्कूटर, मोटर- साईकिल, कार चलाने वाले व्यक्ति की जेब से निकाल रही हैं।
20 लाख रुपया शेयर बाजार में डूब गया, जो अपने आप में हिंदुस्तान के इतिहास में सबसे बड़ी गिरावट है। 1 डॉलर के मुकाबले में रुपया गिरकर 75 रुपया 16 पैसे हो गया, जो अपने आप में देश के इतिहास में सबसे बड़ी गिरावट है।

वर्ष

कच्चे तेल की कीमत

पेट्रोल के दाम

डीजल के दाम

2004

38 डॉलर प्रति बैरल

37.84 रू. प्रति लिटर

26.28 रू. प्रति लिटर

2020
35 डॉलर प्रति बैरल

70.29 रू. प्रति लिटर

65.97 रू. प्रति लिटर

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