मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक और शहरी स्लम क्लीनिक के मरीजों को मिलेंगे ट्रीटमेंट कार्ड

मरीजों की होगी सॉफ्टवेयर आधारित मॉनिटरिंग

कोरबा कोरबा जिले में मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना के तहत् ईलाज कराने वाले मरीजों को अब ट्रीटमेंट कार्ड भी दिये जायेंगे। इन छोटी पुस्तिकानुमा ट्रीटमेंट कार्डों पर मरीज के रोग की पूरी हिस्ट्री और दिये गये ईलाज की पूरी जानकारी रहेगी। मरीजों को अगले बार ईलाज कराने आते समय इस कार्ड को साथ लेकर आना होगा। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने गुरूवार को ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना और शहरी क्षेत्रों की मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना सहित स्वास्थ्य विभाग की विभिन्न योजनाओं की मैदानी स्तर पर प्रगति और क्रियान्वयन की समीक्षा की। कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आयोजित इस समीक्षा बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री एस. जयवर्धन, नगर निगम आयुक्त श्री राहुल देव सहित स्वास्थ्य विभाग एवं नगर निगम के अधिकारी भी शामिल रहे।
बैठक में श्रीमती कौशल ने मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना और मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के तहत् इलाज कराने वाले मरीजों की मॉनिटरिंग के लिये सॉफ्टवेयर तैयार कराने के भी निर्देश दिये। इस सॉफ्टवेयर में मरीजों की पूरी जानकारी और दिये गये ईलाज-दवाओं की एन्ट्री होगी। मरीजों में ईलाज के बाद हुये सुधार की पूरी जानकारी भी इस सॉफ्टवेयर बेस्ड मॉनिटरिंग सिस्टम से तत्काल मिल सकेगी। इसके साथ ही गंभीर बीमारियों से पीड़ीत मरीजों को बड़े अस्पतालों में इलाज के लिये रिफर करने की भी जानकारी सॉफ्टवेयर में रहेगी। कलेक्टर ने इन दोनों योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिये सभी जरूरी इंतजाम अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। उन्होंने इन योजनाओं के कियान्वयन और मरीजों के ईलाज में कोताही बरतने पर कड़ी कार्यवाही की चेतावनी भी अधिकारियों को दी। श्रीमती कौशल ने दोनों योजनाओं के तहत् मरीजों का ईलाज करने के लिये निश्चित स्थान एवं दिन तथा समय का व्यापक प्रचार-प्रसार के लिये भी अधिकारियों को निर्देशित किया। कलेक्टर ने इन दोनों योजनाओं के तहत् डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ द्वारा मरीजों के ईलाज के लिये सुव्यवस्थित क्लीनिक संचालन की व्यवस्था के निर्देश दिये। उन्होंने क्लीनिक संचालन के लिये शेडयुक्त स्थान का चयन कर वहॉं क्लीनिक लगने के समय और दिन को भी पेंट से अंकित कराने के निर्देश दिये। कलेक्टर ने इन क्लीनिकों में मरीजों के ईलाज और जॉंच के लिये डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ आदि की न्यूनतम जरूरत के हिसाब से संख्या तय करने की भी जरूरत बैठक में जतायी। उन्होंने दोनों योजनाओं की सफलता के लिये आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी जोड़ने के निर्देश दिये।
कलेक्टर ने हाट-बाजार और शहरी स्लम स्वास्थ्य क्लीनिकों के माध्यम से कुपोषित बच्चों तथा एनीमिक महिलाओं की स्वास्थ्य जॉंच और उनमें हो रहे सुधार की प्रगति की भी मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिये। महीने में चार सप्ताहों के हिसाब से लगने वाले इन क्लीनिकों में पहले दो साप्ताहिक दिनों में सामान्य जॉंच एवं ईलाज तथा तीसरे सप्ताह के दिन बच्चों की जॉंच और चौथे सप्ताह के दिन एनीमिक महिलाओं की जॉंच के निर्देश कलेक्टर ने दिये। उन्होंने बच्चों और एनीमिक महिलाओं की बारी वाले दिनों में इन दोनों क्लीनिकों में बाल रोग विशेषज्ञ और महिला रोग विशेषज्ञ डॉक्टरों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश अधिकारियों को दिये। शासकीय स्तर पर ऐसे डॉक्टरों की उपलब्धता क्लीनिक वाले दिन नहीं हो पाने पर निजी विशेषज्ञ डॉक्टर की सेवायें मानदेय आधार पर लेने के भी निर्देश कलेक्टर ने दिये।
बैठक में कलेक्टर ने हाट-बाजार तथा शहरी स्लम क्लीनिकों में मरीजों के खून, पेशाब आदि की जॉंचों की भी व्यवस्था तय करने के निर्देश दिये। उन्होंने उपलब्ध संसाधनों और सहुलियत के हिसाब से मौके पर हो सकने वाली जॉंचों की सूची बनाकर ऐसी जॉंचों को अनिवार्यतः करने के निर्देश दिये। श्रीमती कौशल ने क्लीनिक स्थलों पर बच्चों की जॉंच और महिलाओं की जॉंच की तिथि भी लिखवाने के निर्देश दिये।

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