तापमान में आई गिरावट से बढ़ी ठंड बच्चों और बुजुर्गों पर दें विशेष ध्यान बुखार या जुकाम होने पर लें डॉक्टर की सलाह

दमा उच्च रक्तचाप के रोगी पहनें गर्म कपड़े 

रायपुर 11 नवंबर 2020 ।नवंबर माह शुरू होते ही तापमान में निरंतर कमी महसूस हो रही है ऐसे में चिकित्सक एहतियात बरतने की सलाह दे रहे है। ठंडक बढ़ने के साथ ही निमोनिया जैसी संक्रमित बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। अस्थमा ,उच्च रक्तचाप के रोगियों को डॉक्टर गर्म कपड़े पहननें की हिदायत दे रहे है ।अधिकतम और न्यूनतम तापमान के कारण मधुमेह के रोगियों को भी अपनी सेहत को ठीक रखने की सलाह भी दी जा रही है।मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.मीरा बघेल के अनुसार, ऋतु परिवर्तन का सबसे ज़्यादा असर बच्चों और बुज़ुर्गों पर पड़ता है । ऐसे में बैक्टीरिया, वायरस या फंगल की वजह से फेफड़ों में संक्रमण होने का खतरा बना रहता है। बुखार या जुकाम होने के बाद निमोनिया भी हो सकता है। पांच साल से छोटे बच्चों व 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है इसलिए उन पर निमोनिया का असर जल्द होता है। बच्चों को होने वाले जानलेवा निमोनिया को टीकाकरण करा कर रोका जा सकता है। इसके लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से लेकर जिला अस्पताल में आवश्यक टीकाकरण की सुविधा मौजूद है।डॉ. बघेल ने कहा,शीत ऋतु में ताजा गर्म पौष्टिक आहार का सेवन करें । मामूली सी भी सर्दी खांसी होने पर या स्वाद ना आना, सूखी खांसी,बुखार, उल्टी-दस्त,थकान, कमजोरी महसूस होने पर कोविड-19 की जांच अवश्य कराएं । सर्दी खांसी होने पर बिना चिकित्सीय सलाह के किसी भी दवाई का सेवन करना हानिकारक भी हो सकता है ।सर्दी जुकाम बुखार को समान्य ना लेकर कोविड जाँच करवाने के बाद डॉक्टर की सलाह से पूरा इलाज करवायेंफेस मास्क,शारीरिक दूरी, का ध्यान सदैव रखें । किसी भी प्रकार की समस्या होने पर अपने नज़दीकी शासकीय स्वास्थ्य केंद्र पर सम्पर्क करें । वहीं शासकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय रायपुर के पंचकर्म विभागाध्यक्ष डॉ.रंजीप दास कहते है मौसम में बदलाव के साथ ही मौसमी बीमारियां अपना प्रभाव दिखाने लगती है। तापमान में लगातार गिरावट से सबसे ज़्यादा प्रभाव बच्चों और बुजुर्गों पर पड़ता है। ऐसे में बच्चों को नंगे पांव ना खेलने दें। सिर पर टोपी के साथ साथ उचित गर्म वस्त्र पहनाने चाहिए। घर से बाहर जाने से पहले करीब 15-20 मिनट पहले रूम हीटर को बंद कर शरीर के तापमान को बाहर के अनुरुप बनाकर ही बहार जाना चाहिए। क्योंकि गर्म कमरे से बाहर ठंड में निकलते ही बच्चे और बुज़ुर्ग के बीमार होने का खतरा बढ़ सकता है। अस्थमा उच्च रक्तचाप के मरीज़ गर्म परिधान करें धारण तापमान में गिरावट के कारण ठंड से अस्थमा उच्च रक्तचाप के मरीज़ के साथ-साथ बुजुर्गों को भी ज्यादा परेशानी होती है। इसलिए उन्हें गर्म कपड़े ज़रुरत के अनुरुप पहनना चाहिए। ठंड लगने पर एंटीबायटिक दवा लेने की बजाए तुरंत चिकित्सक से चेकअप करवाना चाहिए। अस्थमा उच्च रक्तचाप के मरीज़  को एहतियात के तौर पर प्रतिदिन गर्म भाप लेंना और ठंड से बच कर रहना चाहिये । खानपान पर रखें ध्यानठंड में संक्रमण काफी तेजी से फैलता है, बेहतर है रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आप पहले से ही एहतियात बरतें। खाने में पपीता, कद्दू, गाजर, टमाटर, पालक, अमरूद जैसे मौसमी फलों और सब्जियों का इस्तेमाल कर सकते हैं । सुबह सुबह च्वनप्राश को शहद के साथ सेवन करें तो ठंडी बीमारियों से बचा जा सकता है हल्दी वाले दूध का सेवन कर सकते हैं किसी भी प्रकार की आयुर्वेदिक औषधि का प्रयोग करने के पूर्व आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श अनिवार्य रूप से लें ।ज़्यादातर कम उम्र के बच्चे और अधिक आयु के बुज़ुर्ग होते प्रभावितसर्दी के मौसम मधुमेह के मरीजों के लिए खासा परेशानी वाला होता है । तापमान कम होने पर बच्चे और बुज़ुर्गों को घर में ही टहलना चाहिये एवं नियमित रुप से डॉक्टरी सलाह लेना चाहिये ताकि समय रहते जोखिम के खतरे को टाल जा सके ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *