रायपुर, 02 नवम्बर 2020/ स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा कोरोनाकाल में बच्चों के अध्ययन-अध्यापन के लिए शुरू किया गया ‘पढ़ई तुंहर दुआर‘ कार्यक्रम के अंतर्गत ऑनलाइन एवं ऑफलाइन कक्षाओं का आयोजन किया जा रहा है। शिक्षकों और बच्चों को इस कार्यक्रम से जोड़े रखने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा बहुत से नवाचारी प्रयास किए जा रहे है। इनमें से शिक्षकों का एक पसंदीदा कार्यक्रम है- ‘हमारे नायक‘। यह कार्यक्रम शिक्षकों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से प्रारंभ किया गया है। इसमें प्रतिदिन शिक्षकों और विद्यार्थियों के बारे में दो-दो ब्लॉग लिखकर अपलोड किए जाते है। यह कार्य 25 मई से प्रारंभ हुआ और अब तक कुल 300 ब्लॉग लिखे जा चुके है। 5 माह बाद अब अंग्रेजी में भी ब्लॉग लिखना शुरू हुआ है। पहला ब्लॉग दुर्ग जिले की शिक्षिका श्रीमती नंदनी देशमुख और उनकी बिटिया डॉ. निधि देशमुख पर लिखा गया है। हमारे नायक के पहले अंग्रेजी ब्लॉग में एक साथ माँ-बेटी को स्थान मिलना सौभाग्यजनक अवसर है। आगामी दिनों में माह में कम से कम पांच ब्लॉग अंग्रेजी में लिखे जाने की योजना है।
हमारे नायक में लिखा गया पहला इंग्लिश ब्लॉग में श्रीमती नंदनी देशमुख एक बहुत ही सक्रिय शिक्षिका है। व्याख्याता के पद पर चयन होने के बाद भी उसे छोड़कर छोटे बच्चों को पढ़ाने का निर्णय लेकर प्राथमिक स्कूल के शिक्षिका का पद ग्रहण किया। वे अपने स्कूल के बच्चों को सिखाने के साथ-साथ अपने घर के आसपास के झुग्गी के बच्चों को भी पढ़ाने का काम कर रही है। इस कार्य में उनकी बेटी डॉ. निधि पूरा सहयोग देती है। वे अपनी डॉक्टरी ज्ञान से जीवन सुरक्षा संबंधी जानकारी के साथ अपने नृत्य एवं गीत में कौशल का उपयोग करती है। उनकी कक्षा मेें बच्चों की नियमित उपस्थिति रहती है।
डॉ. निधि देशमुख अपनी माँ की तारीफ करते हुए बताती है कि उनको गाड़ी चलाना नहीं आता था। लॉकडाउन की वजह से बसे नहीं चल रही थी। स्वेच्छा से स्कूल के बच्चों को पढ़ाने के लिए उन्होंने स्कूटर चलाना सीखा और सीखते समय गिरी भी, लेकिन हार नहीं मानी। स्कूटर से दूर गांव तक जाकर लॉकडाउन के दौरान नियमित मोहल्ला क्लास का आयोजन किया। अपने स्कूटर में वे बच्चों को पढ़ान-सिखाने की सामग्री लेकर चलती है। गांव में अब उन्हें सभी प्यार से प्लेजर वाली दीदी या स्कूटर बहन जी कहकर बुलाते है।
श्रीमती नंदिनी देशमुख ने आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के तीन बच्चों को पढ़ाई के लिए गोद लिया है। वे अभी कॉलेज में पढ़ रहे हैं। उनमें से एक उनके साथ शिक्षा सारथी का कार्य कर सहयोग दे रहा है। नंदिनी नियमित पढ़ाई के साथ-साथ विभिन्न गतिविधियां जैसे- मिट्टी की मूर्तियां बनाना, ग्रीटिंग कार्ड बनाना, कबाड़ से जुगाड़, खिलौने बनाना, किचन गार्डन, प्रमुख दिवस का आयोजन जैसी बहुत सी गतिविधियों का आयोजन करती है।
श्रीमती नंदिनी देशमुख को कौन बनेगा करोड़पति में फास्टेस्ट फिंगर फर्स्ट में जाने का अवसर भी मिला। उन्होंने श्री अमिताभ बच्चन को बताया कि उन्हें जो भी राशि मिलेगी वह उसका उपयोग गरीब बच्चों की पढ़ाई में करेंगी। प्रतियोगिता में उन्हें कुछ सेकेण्ड से बाहर होना पड़ा।
हमारे नायक में स्थान पाने के लिए शिक्षकों में लालसा बनी रहती है और इसमें स्थान पाना गर्व की बात मानी जाती है। शिक्षक अपने कार्यों को साझा करते हुए हमारे नायक में स्थान पाने के लिए बेहतर से बेहतर कार्य करने प्रेरित रहते है। राज्य में समय-समय पर हमारे नायक में चयन का क्राइटेरिया बदलते रहता है। सबसे पहले सबसे अधिक ऑनलाइन कक्षा लेने, देने वाले उसके बाद ऑफलाइन कक्षा लेने वाले और शिक्षा सारथी के ब्लॉग लिखे गए। फिर कार्यक्रम का विस्तार करने वाले शिक्षकों एवं अधिकारियों के ब्लॉग लिखे जाते है। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा अगले चरण में ऑग्मेंटेड रियलिटी का अपनी कक्षा में उपयोग करने वाले शिक्षकों को प्रोत्साहित करने की योजना है।