नई दिल्ली : रक्षा निर्यात को बढ़ावा देने के लिए भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच “सहयोगात्मक साझेदारी के लिए भारतीय रक्षा उद्योग की वैश्विक पहुंच: भारत-यूएई रक्षा सहयोग” विषय पर वेबिनार एवं प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। सोसाइटी ऑफ इंडियन डिफेंस मैन्युफैक्चर्स, एसआईडीएम के माध्यम से रक्षा उत्पादन विभाग, रक्षा मंत्रालय के तत्वावधान में मंगलवार, 27 अक्टूबर 2020 को इसका आयोजन किया गया।
दोनों देशों के राजदूतों और रक्षा मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों ने वेबिनार में भाग लिया और भारत-यूएई के गहरे संबंधों की बात की। दोनों पक्ष संयुक्त उत्पादन और आपसी व्यापार के जरिए रक्षा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए जो दोनों देशों के लिए फायदेमंद हो सकता है। श्री संजय जाजू, संयुक्त सचिव (रक्षा उद्योग उत्पादन) ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत, हम संरक्षणवाद की वकालत नहीं कर रहे हैं। “इसके उलट, हम खुलेपन और अंतर-संपर्क पर जोर दे रहे हैं ताकि हमारी कंपनियां वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं का हिस्सा बन सकें और विदेशी कंपनियां भारतीय रक्षा विनिर्माण तंत्र में एक भूमिका निभा सकें।”
यह वेबिनार उस वेबिनार श्रृंखला का हिस्सा था जो रक्षा निर्यात को बढ़ावा देने और अगले पांच वर्षों में पांच अरब डॉलर का रक्षा निर्यात लक्ष्य हासिल करने के उद्देश्य से मित्र देशों के साथ आयोजित किए जा रहे हैं।
वेबिनार में विभिन्न भारतीय कंपनियों जैसे एल एंड टी डिफेंस, जीआरएसई, ओएफबी, एमकेयू, भारत फोर्ज और अशोक लीलैंड ने आर्टिलरी सिस्टम, रडार, प्रोटेक्टेड व्हीकल, तटीय निगरानी प्रणाली, आकाश मिसाइल प्रणाली और गोला बारूद आदि जैसे प्रमुख मंचों/ उपकरणों पर कंपनी और उत्पाद संबंधी प्रस्तुतियां दीं। यूएई की ओर से स्ट्रेट ग्रुप, रॉकफोर्ड जैलरी, एज, तवाजुन और मराकेब टेक्नोलॉजीज ने प्रस्तुतियां दीं।
वेबिनार में 180 से ज्यादा प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया और प्रदर्शनी में 100 से ज्यादा आभासी प्रदर्शनी स्टॉल लगाए गए।