रायपुर, मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के मंशानुरूप व वनमंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने निर्देश पर वन विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ के भोरमदेव वन्य प्राणी अभ्यारण और मध्य प्रदेश के कान्हा राष्ट्रीय उद्यान के सीमावर्ती क्षेत्रों में वन्य प्राणी बारहसिंघा के लिए उपयुक्त आवास और नैसर्गिक प्रजनन क्षेत्र की संभावना की दृष्टि से खरपतवार उन्मूलन, स्थाई घास मैदान और पीने के पानी की पर्याप्त सुविधा विकसित करने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। इस तारतम्य में वन मंत्री श्री अकबर के निर्देशानुसार प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) श्री पी.वी. नरसिंगराव ने कबीरधाम जिले के भोरमदेव वन्य प्राणी अभ्यारण का कार्य प्रगति का जायजा लेने निरीक्षण किया।
प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं मुख्य वन्य प्राणी अभिरक्षक श्री नरसिंगराव ने निरीक्षण के दौरान भोरमदेव अभ्यारण की तरफ से सीमावर्ती क्षेत्र में स्पष्ट रूप से मुनारा से 10 मीटर अग्नि सुरक्षा रेखा के साथ-साथ सीमांकन का सुझाव वन मंडलाधिकारी को दिया गया। क्षेत्रीय भ्रमण के दौरान उन्होने स्थाई संपत्तियों के रखरखाव और शाकाहारी वन्य प्राणियों के लिए अभ्यारण में स्थाई घास के मैदान विकसित करने संबंधी मार्गदर्शन दिया। वर्तमान में अभ्यारण में उपलब्ध विभिन्न घास प्रजातियों के बीज इकट्ठा कर उनको नर्सरी के माध्यम से या सीधे तौर पर घास मैदानों में लगाने के निर्देश दिए। निर्माण कार्यों के अंतर्गत बनाए गए रपटा, साल्ट लिक, स्टॉप डैम, मिट्टी और मुरुम के बने वन मार्गों का भी निरीक्षण किया।