मध्यप्रदेश : राज्यपाल श्रीमती पटेल द्वारा विश्वविद्यालय विकास के प्रयासों की समीक्षा

भोपाल : राज्यपाल श्रीमती आनंदी बेन पटेल ने कहा है कि नवीन विश्वविद्यालय की भवन संरचनाओं को हाईराईज बनाया जाए। देश के शीर्ष विश्वविद्यालयों की सूची में स्थान के लिए प्रदेश के विश्वविद्यालयों को चिन्हित कर विशेष प्रयास हों। नवीन परियोजनाओं एवं नवाचार के लिए पी.पी.पी.टी. मॉडल और सी.एस.आर. फन्ड से व्यवस्थाएं करने के कार्यों पर बल दिया जाए। राज्यपाल श्रीमती पटेल आज राजभवन में उच्च शिक्षा में शैक्षणिक गुणवत्ता और प्रदेश के विश्वविद्यालयों के विकास संबंधी विभिन्न विषयों पर अधिकारियों और शासकीय विश्वविद्यालयों इंदौर और भोपाल के कुलपतियों के साथ चर्चा कर रहीं थी। बैठक में प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा श्री अनुपम राजन और प्रमुख सचिव राजभवन श्री डी.पी. आहूजा मौजूद थे।

राज्यपाल श्रीमती पटेल ने कहा कि प्रदेश के विश्वविद्यालय देश के शीर्ष विश्वविद्यालयों की सूची में स्थान प्राप्त करने के प्रयास करें। इस कार्य में विश्वविद्यालय आवश्यक वित्तीय संसाधनों की आपूर्ति के लिए शासन पर निर्भर नहीं रहें। विश्वविद्यालय में उपलब्ध फन्ड का उपयोग करने के साथ ही पी.पी.पी.टी. मॉडल और कॉरपोरेट रिस्पाँसबिल्टी फन्ड के तहत औद्यौगिक प्रतिष्ठानों से वित्तीय सहयोग प्राप्त करने के कार्य करें। उन्होंने कहा कि पी.पी.पी.टी. मॉडल के लिए नवोन्मेषी सोच के साथ प्रयास करना जरुरी है। लाभ-हानि के गणित में उलझने के बजाय छात्र हितों को सर्वोच्चता देते हुए, नवाचार के प्रयास करने होंगे। कुलपतियों को अपनी स्मृतियों को साझा करते हुए व्यवसायिक और वाणिज्यक संस्थाओं को विश्वविद्यालयों के साथ जोड़ने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने विश्वविद्यालय के निकटवर्ती औद्यौगिक इकाइयों के साथ समन्वय कर, उनकी अनुसंधान, मानव संसाधन, शैक्षणिक और प्रशिक्षण संबंधी आवश्यकताओं के साथ समन्वय कर विश्वविद्यालय के लिए आधुनिक प्रयोगात्मक, प्रशिक्षणात्मक संयत्रों और उपकरणों को प्राप्त करने की पहल की जरुरत बताई। उन्होंने औद्यौगिक प्रतिष्ठानों के साथ सतत् सम्पर्क और व्यावसायिक, वाणिज्यक, अनुसंधनात्मक और नवीन ज्ञान के साधन संसाधनों के लिए सी.एस.आर. मद से पर्याप्त धनराशि प्राप्त करने के लिए भी कहा। प्रतिष्ठानों के साथ निरंतर प्रभावी सम्पर्क और समन्वय बनाए रखने और निरंतर कोशिश करने की जरुरत बताई।

राज्यपाल श्रीमती पटेल ने कहा कि नये विश्वविद्यालयों की भवन संरचना को हाईराईज बनाया जाये। यह कार्य वर्तमान समय की आधुनिक निर्माण तकनीक पर्यावरण संरक्षण और वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के अनुसार किया जाना चाहिए। इस संबंध में राज्यशासन विश्वविद्यालय प्रबंधन विचार कर कार्य करें। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के भवन को हाईराईज बना कर, उसमें सभी आधुनिक सुविधाएं, प्रकाश और हवा के समुचित प्रबंध किए जाएं। ऐसे भवनों के निर्माण से जहाँ पर्यावरण संरक्षण के लिए वृक्ष आच्छादन हेतु अतिरिक्त भूमि उपलब्ध होगी, वहीं अनावश्यक लिंक संबंधी व्यवस्थाओं सड़क, पेयजल आपूर्ति, बाउन्ड्री वाल निर्माण पर होने वाले व्यय में कमी होगी। संसाधनों के एकीकृत उपयोग से उनका अधिकतम और बेहतर उपयोग एवं प्रबंधन होगा। उन्होंने शहरी अंचल में बनने वाले विश्वविद्यालयों के लिए 10 एकड़ और बाहरी क्षेत्र में बनने वाले विश्वविद्यालयों के लिए अधिकतम 100 एकड़ की भूमि सीमा निर्धारित करने पर विचार के लिए भी कहा है। उन्होंने विश्वविद्यालयों द्वारा बड़ी धनराशि फिक्स डिपॉजिट में रखे जाने पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि आकस्मिक आवश्यकताओं के लिए नियत राशि को छोड़कर, शेष समस्त राशि का उपयोग विश्वविद्यालय की शैक्षणिक गुणवत्ता के कार्यों में किया जाए। विश्वविद्यालयों से इस संबंध में की जाने वाले कार्यों की आगामी तीन वर्षों की कार्ययोजना प्राप्त करने के निर्देश अधिकारियों को दिए।

श्रीमती पटेल ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधानों को छात्रों के हित में अधिकतम उपयोग किया जाए। पूरे देश के सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों के व्याख्यानों से विद्यार्थियों को लाभान्वित करने के लिए ऑनलाइन शिक्षण व्यवस्था को प्रसारित किया जाए। उन्होंने कर्मचारी पेंशन फंड के प्रबंधन पर भी विचार-विमर्श किया। फंड के उत्कृष्ट व्यावसायिक विशेषज्ञता के साथ संचालित किए जाने की जरुरत बताई। निर्देश दिए कि इस कार्य की समीक्षा और प्रभावी कारवाई के लिए समन्वय समिति बनाई जाए, जो फन्ड के लिए आवश्यक राशि की आपूर्ति की व्यवस्था को सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि सुगनीदेवी शासकीय महाविद्यालय के प्रबंधन के लिए आकस्मिकता के दृष्टिगत इंदौर विश्वविद्यालय द्वारा दी गई शासकीय अनुदान की राशि की प्रतिपूर्ति के संबंध में उच्च शिक्षा विभाग जरूरी कार्रवाई करे।

बैठक में अपर सचिव राजभवन श्री राजेश कुमार कौल, कुलपति अहिल्या देवी विश्वविद्यालय इंदौर श्रीमती रेणु जैन और कुलपति बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल श्री आर.जे. राव भी उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *