जन आक्रोश नहीं भाजपा की स्वहित से जुड़ा रैली था जो पूरी तरह फ्लाॅप हो गया : विकास उपाध्याय

रायपुर। संसदीय सचिव विकास उपाध्याय ने भाजपा के आज के असफल रैली को जन आक्रोश नहीं बल्कि ‘‘स्वहित से जुड़ा रैली‘‘ बताया और कहा कि भाजपा जिन मुद्दों को लेकर रैली कर नौटंकी कर रही है, ये सारे मुद्दे उनके खुद के सरकार की है जिसे कांग्रेस की सरकार कार्यवाही पर उतारू है तो भाजपा के नेताओं को पीड़ा होने लगी है। यही वजह है कि अबतक भाजपा के लोग अपने घरों में दुबक कर बैठे हुए थे चाहे कोरोना काल के लाॅक-डाउन का समय हो या फिर गरीबों के खान-पान की व्यवस्था हो।

विकास उपाध्याय ने कहा भाजपा बेवजहों के मुद्दों को जनता से जुड़ा बताकर छत्तीसगढ़ की जनता को गुमराह कर रही है। आम जन से जुड़ा मुद्दा तो ये है कि प्रदेश में नशे के अवैध कारोबार के खिलाफ कार्यवाही कौन कर रहा है। बगैर दबाव के छापेमारी की कार्यवाही किसके कहने पर हो रही है। उन्होंने कहा पूरी जनता यह भलीभाँति समझ रही है कि नशे के धंधे को किस सरकार का संरक्षण था। विकास उपाध्याय ने तंज कसते हुए कहा भाजपा के नुक्कड़ सभा में उपस्थित भाजपा नेताओं को बताना चाहिये कि उन्होंने नशे के कारोबार को अपने शासन काल में बन्द कराने कितनी छापेमारी की कार्यवाही की। भाजपा ऐसा करने मजबूर भी थी क्योंकि उन्हीं के नेताओं का पूरे नशा के कारोबार को संरक्षण था।

विकास उपाध्याय ने पाटन क्षेत्र में भाजपा सांसद द्वारा स्वरचित दारू भट्ठी का प्रसंग लाकर जो पूरे अपने नेताओं को बुलाकर नौटंकी की गई, उससे साफ जाहिर है कि भाजपाईयों में लूटने की आदत अब तक नहीं गई। जो 15 साल तक लूटते रहे अब शराब को लूटने में भी शर्म महसूस नहीं कर रहे हैं। विकास उपाध्याय ने कहा गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू द्वारा पुलिस प्रशासन को कड़ाई करने से भाजपाईयों की नींद उड़ी हुई है। अपराधिक प्रकरणों में लिप्त भाजपा के कार्यकर्ताओं को थाने से छुड़ाने भ्रष्ट भाजपा नेताओं की हालत पस्त है तो ये नेता हमारी पुलिस को रिश्वत देने की भी कोशिश कर रहे हैं पर बात नहीं बन रही है न ही उनकी सूनी जा रही है। यही वजह है कि गृह मंत्री को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा प्रदेश की जनता सबकुछ देख रही है भाजपाईयों को अब भी सचेत हो जाना चाहिए। उन्हें तो ये बताना चाहिए कि केन्द्र में बैठी उनकी सरकार राज्य के लिए क्या कर रही है। उनके पास कृषि बिल को लेकर कोई जवाब नहीं, उनके पास राज्य के हिस्से का करोड़ों रूपया केन्द्र से नहीं मिल रही है का कोई जवाब नहीं। ऐसे में स्वहित से जुड़े स्वार्थ को प्रतिपूर्ति करने रैली करना कहाँ तक उचित है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *