रायपुर, 20 अक्टूबर 2020/राज्य सरकार द्वारा राज्य में पर्यटन विकास की संभावना लगातार तलाशी जा रही है। राज्य के कोण्डागांव जिला के केशकाल से कुछ दूरी पर गढ़धनोरा पुरातात्विक स्थल स्थित है। इसमें प्राचीनकाल के समय के अवशेष देखने को मिलते हैं। गढ़धनोरा क्षेत्र के निरीक्षण उपरांत वहा विभिन्न प्रकार के वनौषधि प्रचुरता में पाई गई है। इन वनौषधियों में विशेषकर मालकांगनी एवं विभिन्न प्रकार के कंद बेला पाई गई है। जैव विविधता से परिपूर्ण पुरातत्व स्थल को जैव विविधता अधिनियम 2002 की धारा 37 के प्रावधान अंतर्गत जैव विविधता विरासत स्थल (बायोलॉजिकल हेरीटेज साईट) के रूप में विकसित किये जाने की योजना है। इस हेतु क्षेत्र के वनमंडलाधिकारी द्वारा परिक्षेत्र अधिकारी केशकाल को निर्देशित किया गया है। गढ़धनोरा स्थल में पुरातत्वकालीन पत्थर की दीवार भी मौजूद है। उसे संरक्षित कर प्राकृतिक पर्यटन के रुप में बढ़ावा देने के लिये वन विभाग द्वारा प्रयास किया जाएगा। इस प्राचीन स्थल का पर्यटन क्षेत्र के रुप में विकसित होने से बस्तर के सौंदर्य के प्रति लोग अधिक आकर्षित होंगे।