दुर्ग, 15 अक्टूबर 2020। विश्व खाद्य दिवस (World Food Day) हर वर्ष 16 अक्टूबर को मनाया जाता है इस बार विश्व खाद्य दिवस की 75 वीं वर्षगाँठ मनाई जायेगी | लोगों के संतुलित विकास के लिए यह आवश्यक है कि मनुष्य का सर्वांगीण विकास हो। इसके लिए लोगों को संतुलित भोजन की इतनी मात्रा मिले कि वे कुपोषण के दायरे से बाहर निकल कर एक स्वस्थ जीवन जी सकें। इसीलिए यह दिन भूख से पीड़ित लोगों के लिए जागरूकता फैलाने और सभी के लिए खाद्य सुरक्षा और पौष्टिक आहार की आवश्यकता सुनिश्चित करने के लिए मनाया जाता है।
‘विश्व खाद्य दिवस’ का मुख्य उद्देश्य दुनिया से भुखमरी को खत्म करना है। पौष्टिक भोजन हर व्यक्ति का जन्मसिद्ध अधिकार होता है, लेकिन बढ़ती आबादी और कई देशों में डगमगाती अर्थव्यवस्था के चलते हर कोई सुरक्षित और पौष्टिक भोजन नहीं ले पाता है।
भूख की समस्या को तभी हल किया जा सकता है, जब उत्पादन बढ़ाया जाए। साथ ही उससे जुड़े अन्य पहलुओं पर भी समान रूप से नजर रखी जाए। खाद्यान्न सुरक्षा तभी संभव है, जब सभी लोगों को हर समय, पर्याप्त, सुरक्षित और पोषक तत्वों से युक्त खाद्यान्न मिले, जो उनकी आहार संबंधी आवश्यकताओं को पूरा कर सके। साथ ही कुपोषण का रिश्ता ग़रीबी, अशिक्षा, बेरोजगारी, आदि से भी है। इसलिए कई मोर्चों पर एक साथ मजबूत इच्छाशक्ति का प्रदर्शन करना होगा।
इस विशेष दिवस के अवसर पर महिला एवं बाल विकास विभाग और खाद्य एवं पोषाहार बोर्ड द्वारा दुर्ग जिले के अहिरवारा परियोजना के अंतर्गत मुरमुंदा सेक्टर के मंगल भवन में 16 अक्टूबर को विश्व खाद्य दिवस पर कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। साथ ही इस दौरान पोषण आहार पर प्रदर्शनी भी लागाई जायेगी |
कार्यक्रम में मुरमुंदा सेक्टर के अंतर्गत आने वाले आंगनबाड़ी केंद्रों की कार्यकर्ता, सहायिका, महिला पर्यवेक्षक, हितग्राही महिलाओं में गर्भवती, शिशुवती व किशोरी बालिकाएं भाग लेंगे। खाद्य दिवस पर पोषण प्रदर्शनी, पौष्टिक व्यंजन प्रतियोगिता कार्यक्रम आयोजित कर लोगों को जागरूक किया जाएगा। ताकि सभी के लिए खाद्य सुरक्षा और पौष्टिक आहार सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर दिया जा सके। कार्यक्रम में परियोजना अधिकारी लता चावड़ा, जिला कार्यक्रम अधिकारी विपिन जैन, खाद्य एवं पोषाहार बोर्ड राज्य कार्यालय के प्रभारी मनीष यादव सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि भी कार्यक्रम में शामिल होंगे।