दुर्ग, 15 अक्टूबर 2020। जिले में 15 अक्टूबर को विश्व हाथ धुलाई दिवस (वर्ल्ड हैण्ड वॉश डे) का आयोजन किया गया । यह कार्यक्रम स्वास्थ्य, शिक्षा, पंचायती राज तथा महिला एवं बाल विकास विभाग के आपसी समन्वय से आंगनबाड़ी केंद्रों में मनाया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य स्वच्छ, स्वस्थ एवं बेहतर भविष्य के प्रति सचेत करना है।
पाटन परियोजना के सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों में आज विश्व हाथ धुलाई दिवस मनाया गया। इस वर्ष की थीम सभी के लिए स्वच्छ हाथ निर्धारित की गयी है । हाथ की स्वच्छता हमारे स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता का ही एक हिस्सा है क्योंकि सिर्फ साबुन से अच्छी तरह हाथ धुल लेने से ही कई तरह की बीमारियों से बचा जा सकता है, रोगाणु कई माध्यमों के जरिये से हमारे शरीर में फैलते हैं। उनमें से एक हमारे हाथ भी बीमारी का एक बड़ा जरिया हैं जिसकी वजह से सबसे ज्यादा बच्चों में संक्रमण व गंभीर बीमारियों जैसे डायरिया, निमोनिया आदि का खतरा बना रहता है | हम लोग दिनभर में कई प्रकार की चीज़ों को छूते हैं। साथ ही भोजन भी हाथ से ही करते हैं। इन्हीं हाथों से हम अपने मुंह को भी छूते हैं। इसलिये एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भी यह संक्रमण फैलने का सबसे आसान तरीका बन जाता है । संक्रमण से बचाव का सही तरीका 6 चरणों में ठीक तरह से हाथ धोना है | यही हमारे बेहतर स्वास्थ्य की ओर एक अच्छी पहल है।
ग्राम डिडगा में विश्व हाथ धुलाई दिवस पर कार्यकर्ता द्रोपती साहू,मितानिन जमुना वर्मा, स्वसहायता समूह की महिला अध्यक्ष गायत्री यादव व अन्य महिलाएं उपस्थित रहीं। इसी तरह ग्राम सांतरा 01, कार्यकर्ता मीना, मितानिन, पंच, समूह की महिलाएं उपस्थित रहीं। इस दिन सभी को हाथ धोने के स्टेप के बारे में बताया गया और साथ ही बच्चों को प्रतिदिन भोजन से पहले साबुन से हाथ धोने की सीख दी गई। महिला पर्यवेक्षक चित्रलेखा साहू ने बताया सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों में हाथ धुलाई के लिए पर्याप्त पानी, साबुन, बाल्टी, जग आदि की व्यवस्था की गई तथा इस स्वच्छता अभियान में सबकी भागीदारी भी सुनिश्चित की
ग्राम पंचायत असोगा में सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सैनिटाइजर सरपंच अशोक रिंगवानी द्वारा विश्व हाथ धुलाई दिवस के मौके पर वितरित किया गया। सरपंच अशोक रिंगवानी ने कहा इस समय विश्व व्यापी कोविड-19 जैसी संक्रामक महामारी का पूरा देश सामना कर रहा है। ऐसी दशा में इस साल विश्व हाथ धुलाई दिवस की थीम “सभी के लिए स्वच्छ हाथ” निर्धारित की गयी है। ऐसे में साबुन से हाथ धोने की प्रथा पर विस्तृत रूप से कार्य करने की जरूरत है। ताकि हम अपने वर्तमान एवं भावी पीढ़ी को स्वच्छ, स्वस्थ एवं बेहतर भविष्य के प्रति सचेत कर सकें। सरपंच रिंगवानी ने कहा शत – प्रतिशत स्कूलों व आंगनबाड़ी केन्द्रों पर शुद्ध पेयजल की आपूर्ति की व्यवस्था की जाएगी। हाथ धुलाई से संबंधित विभिन्न प्रकार की शैक्षिक एवं रोचक संदेश वीडियो सन्देश,आडियो विद्यार्थियों, अभिभावकों एवं शिक्षकों के वाटसएप ग्रुप व सोशल मिडिया में भेजा जाए ताकि हाथ धुलाई के महत्व के प्रति लोगों में विशेष जागरूकता, सजगता लाई जा सके।———
हाथ धोने के इन बिन्दुओं पर फोकस
– भोजन के पहले
-मुंह, नाक व आँखों को छूने के बाद।
– खाँसने व छींकने के बाद ।
– शौच के बाद
-शौचालय उपयोग के बाद