गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने न ही अशिष्ट आचरण का व्यवहार किया और न ही संवैधानिक अवमानना की – विकास उपाध्याय

रायपुर। गृह विभाग के संसदीय सचिव विकास उपाध्याय ने भाजपा द्वारा गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू के संबंध में क्वारंटाईन के बहाने राज्यपाल की बैठक में न जाने एवं इसको लेकर संवैधानिक अवमानना किए जाने की बात को सिरे से खारिज करते हुए कहा, चूंकि कांग्रेस प्रभारी पी.एल.पुनिया 9 और 10 अक्टूबर को पार्टी की बैठक ली थी, जिनके सम्पर्क में कांग्रेस के तमाम नेताओं के साथ गृह मंत्री भी आये थे। ऐसी स्थिति में मानवता एवं सुरक्षा के नाते गृह मंत्री का राजभवन न जाना पूरी तरह से सही निर्णय था और जब इसके वजहों की जानकारी भी दे दी गई थी तो इसे भाजपा बेवजह तुल क्यों दे रही है, समझ से परे है।

गृह विभाग के संसदीय सचिव विकास उपाध्याय ने एक बयान जारी कर भाजपा नेताओं द्वारा केबिनेट गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू के राज्यपाल द्वारा बुलाई गई समीक्षा बैठक में उपस्थित न होने को बेवजह तुल दिये जाने की बात कही है। उन्होंने कहा कांग्रेस के प्रभारी पुनिया रायपुर प्रवास के दौरान कोरोना पाॅजिटिव पाये गए थे। इस बीच गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू भी 9 और 10 अक्टूबर को उनके सम्पर्क में आये थे। ऐसी स्थिति में उन्हें 5 से 6 दिन सेल्फ क्वारंटाईन में रहना था, जिसकी अंतिम तिथि कल थी और कल ही राज्यपाल द्वारा समीक्षा बैठक को लेकर गृह मंत्री को राजभवन में बुलाया गया था। ऐसी स्थिति में गृह मंत्री द्वारा सुरक्षा कारणों से राजभवन न जाना कहाँ का संवैधानिक अवमानना है, समझ से परे है।

विकास उपाध्याय ने कल ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा बुलाई गई समीक्षा बैठक में शरीक़ होने की बात पर भी स्पष्टीकरण देते हुए कहा चूंकि कांग्रेस प्रभारी के सम्पर्क में सम्मिलित होने वालों में मुख्यमंत्री भी थे और वे हमारे पार्टी के ही थे। ऐसी स्थिति में उनकी बैठक में सम्मिलित होना इसलिए भी तर्कसंगत था कि कांग्रेस प्रभारी के सम्पर्क में वे गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू के साथ थे। परन्तु इसका अर्थ यह नहीं कि राज्यपाल को भी किसी संक्रमण के खतरे में डाल देना उचित होता। चूंकि राज्यपाल अनुसुईया उईके राजभवन में पूरी तरह से सुरक्षित और ऐसी कोई क्वारंटाईन की स्थिति में आए के सम्पर्क में नहीं थीं और यह बैठक रखी गई थीं, जहाँ गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू की वजह से कोविड-19 को लेकर कोई बात हो जाए को लेकर स्वयं गृह मंत्री गम्भीर थे और इसका ध्यान रखना बेहद ही जरूरी था और इस पूरी बात की जानकारी राजभवन को दे दी गई थी। ऐसे में भाजपा नेताओं द्वारा गृह मंत्री को लेकर उठाई गयी अशिष्ट आचरण से लेकर संवैधानिक अवमानना की बात करना पूरी तरह से गलत है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *