नई दिल्ली :भारत और म्यांमा, रखाइन प्रांत में 2021 के पहले तीन महीनों में सिटवे बंदरगाह को चालू करने की दिशा में कार्य करने को सहमत हुए हैं। थल सेना अध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवणे और विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला की दो दिन की म्यांमा यात्रा के अंत में इसकी घोषणा की गई है।
भारतीय शिष्टमंडल ने रेम्डेसिविर की तीन हजार खुराक कोविड-19 महामारी से निपटने में दोनों देशों की एकजुटता के प्रतीक के रूप में म्यांमा की राष्ट्रीय सलाहकार ओंग सांग सू की को भेंट कीं।
दोनों पक्ष इस बात पर सहमत थे कि वे सीमा सुरक्षा संबंधी संपर्क परियोजनाओं, क्षमता निर्माण, बिजली और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में साझेदारी बढायेंगे। आर्थिक और व्यापारिक संबंध सुदृढ करने, दोनों देशों के लोगों के बीच आपसी संबंध बढाने, सांस्कृतिक विनिमय और सेना के तीनों अंगों के बीच आदान-प्रदान के बारे में भी सहमति बनी। दोनों देशों ने त्रिपक्षीय राजमार्ग और कलादन मल्टीमॉडल ट्रांजिट ट्रांसपोर्ट परियोजना जैसी भारत की मदद से बनाई जा रही बुनियादी ढांचे की परियोजनाओं में प्रगति का भी जायजा लिया।
भारत ने म्यांमा के चिन राज्य में ब्यान्यू-सरसिचौक में बीस लाख अमरीकी डॉलर लागत के सीमा पूल के निर्माण की भी घोषण की है। इस पूल के बन जाने से म्यांमा और मिजोरम के बीच आर्थिक संपर्क बढने की संभावना है।
(साभार : http://newsonair.com/hindi)