नई दिल्ली : भारत के निर्वाचन आयोग ने आज आगामी बिहार विधान सभा चुनावों और कुछ अन्य राज्यों में उप-चुनावों के लिए नियुक्त होने वाले पर्यवेक्षकों के लिए एक संक्षिप्त बैठक आयोजित की। बिहार विधान सभा और कुछ अन्य राज्यों में उप चुनाव कार्यक्रम की घोषणा 25 सितंबर, 2020 और उसके बाद की गई थी। यह बैठक विशेष रूप से 700 से अधिक सामान्य, पुलिस और व्यय पर्यवेक्षकों के लिये आयोजित की गई थी। इस बैठक में देश भर के लगभग 119 स्थानों पर मौजूद विभिन्न पर्यवेक्षको ने वर्चुअल माध्यम से भाग लिया, इसके अलावा लगभग 40 पर्यवेक्षकों ने दिल्ली में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर इस बैठक में भाग लिया।
पर्यवेक्षकों से बात करते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री सुनील अरोड़ा ने बिहार में चुनाव कार्यक्रम पर दुनिया भर में फैले कोविड-19 के प्रभाव पर निर्वाचन आयोग द्वारा किए गए विस्तृत विचार-विमर्श और आकलन पर एक वैश्विक परिप्रेक्ष्य प्रस्तुत किया। उन्होंने अतिरिक्त सावधानी बरतने की आवश्यकता पर बल देते हुए हुए कहा कि इस चुनाव को विश्व समुदाय द्वारा महामारी के बीच आयोजित किए जाने वाले विश्व के सबसे बड़े चुनाव के रूप में देखा जाएगा। उन्होंने स्वतंत्र, निष्पक्ष, पारदर्शी, नैतिक और साथ ही कोविड सुरक्षित चुनाव कराने की निर्वाचन आयोग की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की ताकत उसके प्राथमिक हितधारक- मतदाता पर टिकी हुई है। मतदान के दिन मतदान केंद्र पर आने के लिए मतदाता को विश्वास दिलाने के लिए सभी प्रयास किए जाने चाहिए ताकि वह सुरक्षित और स्वतंत्र रूप से मतदान कर सके। उन्होंने पर्यवेक्षकों का आह्वान किया कि वे स्थानीय चुनाव प्रशासन के रूप में मतदाता को मित्र, दार्शनिक और मार्गदर्शक की भूमिका के साथ उनका मार्गदर्शन करें और उनकी समस्याओं को सुलझाने में मदद करें। उन्होंने पिछले चुनावों में नियुक्त किये गये कुछ विशेष व्यय पर्यवेक्षकों की प्रतिबद्धता और समर्पण की सराहना की, जिन्होंने चुनाव के दौरान पारदर्शी माहौल उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया था। इस तरह के पर्यवेक्षकों के विशिष्ट ज्ञान और पूर्ण निष्पक्षता, हमारे संविधान निर्माताओ द्वारा एक संस्था के रूप में निर्वाचन आयोग में भरोसा करने की पुष्टि करते हैं।
निर्वाचन आयुक्त श्री सुशील चंद्रा ने पर्यवेक्षकों की भूमिका के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा कि आयोग द्वारा दो विशेष व्यय पर्यवेक्षकों की नियुक्ति पहले ही की जा चुकी है और चुनाव प्रक्रिया आगे बढ़ने पर यदि आवश्यकता हई तो ऐसे कुछ और विशेष पर्यवेक्षकों की भी नियुक्ति की जायेगी। श्री चंद्रा ने निर्वाचन आयोग द्वारा 21 अगस्त, 2020 को विशेष रूप से जारी किए गए व्यापक दिशा निर्देशों और बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के दिशा निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने अधिकारियों को शिकायतों के सक्रिय रूप से निवारण करने और निष्पक्ष रूप से अपने कर्तव्यों का निर्वहन सुनिश्चित करने की सलाह दी।
इस अवसर पर बोलते हुए, निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार ने अधिकारियों का इस बात की ओर ध्यान आकर्षित किया कि वे पर्यवेक्षकों के रूप में निर्वाचन आयोग की ओर से एक संवैधानिक कर्तव्य से बंधे हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि वे चुनाव के दौरान निर्वाचन आयोग का वास्तविक चेहरा हैं। उन्होंने अधिकारियों को याद दिलाया कि बिहार चुनावों के प्रदर्शन पर दुनिया की नज़र है और इन चुनावों पर सभी का ध्यान केंद्रित है। उन्होंने कहा कि पर्यवेक्षक चुनाव कर्मियों के मार्गदर्शन, परामर्श और सलाह देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
दिल्ली स्थित पर्यवेक्षकों के लिए आज आधे-आधे दिन की बैठक आयोजित की गई, इसके साथ ही अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से ऑनलाइन भाग लेने वाले अधिकारियों को निर्वाचन आयोग के महासचिव, श्री उमेश सिन्हा और उप-निर्वाचन आयुक्तों और अन्य अधिकारियों द्वारा संबोधित किया गया। चुनाव प्रक्रिया का विस्तृत विवरण देते हुए, श्री सिन्हा ने विशेष रूप से चुनाव योजना, सुरक्षा प्रबंधन, एसवीईईपी और मीडिया पहलुओं पर अधिकारियों को जानकारी दी। वरिष्ठ उप-निर्वाचन आयुक्त श्री धर्मेंद्र शर्मा ने मतदान कर्मियों के लिए पहले से संचालित प्रशिक्षण प्रक्रिया के बारे में पर्यवेक्षकों को जानकारी दी। उप-निर्वाचन आयुक्त श्री सुदीप जैन ने ईवीएम-वीवीपीएटी प्रबंधन प्रणाली और साथ ही मतदाता सूची के मुद्दों पर भी पर्यवेक्षकों से बात की।
उप-निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयोग के बिहार राज्य प्रभारी श्री चंद्र भूषण कुमार ने कानूनी प्रावधान, बिहार चुनाव के लिए विशेष रूप से कोविड परिदृश्य में आदर्श आचार संहिता के मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की। उप-निर्वाचन आयुक्त, श्री आशीष कुंद्रा ने पर्यवेक्षकों को विशिष्ट सूचना तकनीकों के अनुप्रयोगों पर जानकारी दी। निदेशक व्यय और निदेशक मीडिया ने व्यय पर्यवेक्षकों और मीडिया प्रमाणन और निगरानी समितियों के प्रभावी उपयोग में उनकी विशिष्ट भूमिका पर पर्यवेक्षकों को भी जानकारी दी।
प्रत्येक सत्र में कोविड सुरक्षित चुनाव के अतिरिक्त आयाम और इस विषय पर आयोग द्वारा जारी किए गए व्यापक दिशा निर्देशों और पर्यवेक्षकों की भूमिका सुनिश्चित करने पर जोर दिया। इनमें यह सुनिश्चित किया गया कि पत्र विभिन्न पहलुओं पर ध्यान देते हुए निर्वाचन आयोग के दिशा निर्देशों और निर्देशों का कडाई से पालन किया जाए।