महात्मा गांधी उद्यानिकी विश्वविद्यालय में दाखिले की प्रक्रिया शुरू करें : कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे

राज्य को बीज उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर बनाएं

कृषि मंत्री ने ली तीनों विश्वविद्यालयों के कुलपतियों एवं प्रभारी अधिकारियों की बैठक

रायपुर, 05 अक्टूबर 2020/ कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने आज नवा रायपुर स्थित शिवनाथ भवन में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर तथा कामधेनु विश्वविद्यालय अंजोरा दुर्ग के कुलपति तथा महात्मा गांधी एवं उद्यानिकी विश्वविद्यालय के विशेष कर्त्तव्यस्थ अधिकारी की बैठक लेकर विश्वविद्यालयों की शैक्षणिक गतिविधियों, अनुसंधान एवं क्षेत्र प्रचार के काम-काज की स्थिति की समीक्षा की। कृषि मंत्री ने दुर्ग जिले के सांकरा स्थित महात्मा गांधी उद्यानिकी विश्वविद्यालय में चालू शैक्षणिक सत्र में स्नातक शिक्षा के लिए पात्र विद्यार्थियों के दाखिले की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए। कृषि मंत्री ने उद्यानिकी विश्वविद्यालय की गतिविधियों को तत्परता से शुरू कराने के लिए राज्य के अलग-अलग जिलों में स्थित उद्यानिकी विभाग की कुछ नर्सरियों को विश्वविद्यालय के जिम्मे सौंपने की भी कार्रवाई के निर्देश दिए। बैठक में संसदीय सचिव सुश्री शकुंतला साहू और कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. एम. गीता भी मौजूद थीं। 

कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि छत्तीसगढ़ कृषि प्रधान राज्य है। कृषि का विकास ही छत्तीसगढ़ का विकास है। उन्होंने विश्वविद्यालयों को राज्य के ग्रामीण अंचलों में कृषि, उद्यानिकी, फूड प्रोसेसिंग सहित कृषि आधारित गतिविधियों के विस्तार पर जोर दिया और कहा कि इसका लाभ राज्य के किसान को मिलना और दिखना चाहिए। कृषि मंत्री ने बीज उत्पादन के मामले में राज्य को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में विश्वविद्यालयों को कार्ययोजना बनाकर प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। खरीफ फसलों में कीटव्याधि प्रकोप की रोकथाम के लिए किसानों को आवश्यक सलाह एवं दवाओं के उपयोग के बारे में जानकारी देने की बात कही गई। कृषि मंत्री ने राज्य में नीजि दुकानदारों द्वारा फसल कीटव्याधि की रोकथाम हेतु विक्रय किए जा रहे कीटनाशक दवाओं पेस्टीसाइड की गुणवत्ता की जांच के लिए भी आवश्यक कदम उठाने की बात कही। कृषि मंत्री ने कहा कि कीटनाशक दवाओं के मानक की जांच पड़ताल के लिए लैब की स्थापना जरूरी है। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. पाटिल ने बताया कि विश्वविद्यालय परिसर में कीटनाशक दवाओं की जांच-पड़ताल के लिए लैब की स्थापना का काम अंतिम चरण में है। आगामी दो-तीन माह में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद से दवाओं के परीक्षण हेतु प्रमाण-पत्र मिल जाएगा।

बैठक में कृषि मंत्री ने राज्य में नव स्थापित कृषि, उद्यानिकी, कृषि अभियांत्रिकी महाविद्यालयों में शैक्षणिक गतिविधियों को सुव्यवस्थित तरीके से शुरू करने तथा सांकरा उद्यानिकी विश्वविद्यालय के अधीन स्नातक कॉलेज की स्थापना का प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए। कृषि एवं वेटनरी विश्वविद्यालय के अंतर्गत बैकलॉग के रिक्त पदों की भर्ती की प्रक्रिया को भी शुरू करने के निर्देश दिए गए। बैठक में कृषि विज्ञान केन्द्र के काम-काज की भी समीक्षा की। कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने जिलों में स्थित कृषि विज्ञान केन्द्र विशेषकर कोरिया जिले के कृषि विज्ञान केन्द्र के कार्य की सराहना की। कृषि विश्वविद्यालय के डॉ. एस.सी. मुखर्जी ने पॉवर पाइंट प्रेजेंटेंशन के माध्यम से कृषि विज्ञान केन्द्र की गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इसी तरह बीज उत्पादन, बायोफ्लास्क तकनीक से सघन मछली पालन, मखाना एवं लाख की खेती के बारे में भी जानकारी दी गई।

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