नगरनार। देश की नवरत्न कंपनी एनएमडीसी की ईकाई NISP ने इन खबरों का खंडन किया है कि बस्तर जिले के नगरनार में निर्माणाधीन एनएमडीसी आयरन एंड स्टील प्लांट के निजीकरण के लिए एनएमडीसी निदेशक मंडल ने प्लांट के डीमर्जर का फैसला किया है। NISP ने स्पष्ट किया है कि डीमर्जर का फैसला एनएमडीसी आयरन एंड स्टील प्लांट के स्वतंत्र अस्तित्व को मजबूती प्रदान करते हुए प्लांट के स्वतंत्र वित्तीय ढ़ांचा निर्माण के लिए दीर्घकालीन सोच के तहत लिया गया फैसला है जिससे प्लांट को शुरू करने की प्रक्रिया में और तेजी आएगी।
NISP के प्रवक्ता का कहना है कि डीमर्जर के फैसले का आशय निजीकरण नही है बल्कि निर्माणाधीन स्टील प्लांट के कोर्पोरेट क्षेत्र में स्वतंत्र पहचान को मजबूती प्रदान करते हुए प्लांट के स्वतंत्र वित्तीय ढ़ांचा निर्माण और उसे मजबूती प्रदान करने के लिए एनएमडीसी के निदेशक मंडल ने यह फैसला लिया है। NISP ने कहा कि डीमर्जर के बाद कार्पोरेट वर्ल्ड में स्टील प्लांट के स्वतंत्र अस्तित्व को मजबूती मिलेगी जिससे बस्तर और छत्तीसगढ़ का व्यापक हित होगा।
NISP ने डीमर्जर को निजीकरण की प्रक्रिया से जोड़कर देखने की खबरों को भ्रामक करार देते हुए कहा है कि डीमर्जर की प्रक्रिया को आम बोल-चाल की भाषा में कहे तो यह ठीक उसी तरह की प्रक्रिया है जिसमें बच्चे के बड़े और काबिल हो जाने के बाद कोई पिता द्वारा अपनी संतान को स्वतंत्र पहचान कायम करने और अपने पैरो पर खड़े होने के लिए स्वतंत्र मौका प्रदान किया जाता है।
NISP का मानना है कि डीमर्ज होने के बाद एनएमडीसी आयरन एंड स्टील प्लांट सभी तरह के फैसले लेने के लिए स्वतंत्र होगी जिससे प्लांट के कार्यकुशलता में और बृद्धि होगी। इसके साथ ही कि प्लांट का शेयर होल्डिंग पैटर्न एनएमडीसी का मिरर शेयर होल्डिंग होगा, जिससे प्लांट का वित्तीय प्रबंधन बेहतर हो सकेगा। डीमर्जर से प्लांट के बोर्ड आंफ डायरेक्टर्स में भी स्टील प्लांट के विशेषज्ञों को शामिल करने का रास्ता साफ हो गया है जिससे प्लांट का परिचालन प्रभावी और बेहतर रिजल्ट प्रदान करने योग्य बन सकेगा।
NISP ने कहा है वर्तमान समय में पूरा विश्व कोविड-19 की चुनौतियों से जुझ रहा है और एनएमडीसी भी इससे अछूता नही है लेकिन बाबजूद इसके एनएमडीसी आयरन एंड स्टील प्लांट नगरनार के सभी कार्मिक प्लांट को शुरू करने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे है। गौरतलब हो कि नगरनार में निर्माणाधीन स्टील प्लांट विश्व की आधुनिकतम तकनीक पर आधारित अत्याधुनिक इंटेग्रेटेड स्टील प्लांट है जिसकी सालाना उत्पादन क्षमता तीन मिलियन टन है।
NISP का कहना है कि स्टील प्लांट का काम अपने अंतिम चरण में है और जल्द ही इसके शुरू होने से बस्तर और छत्तीसगढ़ के विकास में एक नए युग का सूत्रपात होगा। जिस तरह से एनएमडीसी ने पिछले छह दशक से छत्तीसगढ़ और बस्तर के विकास में लगातार अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन किया है ठीक उसी तरह से NISP भी अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करता रहेगा। डीमर्जर के बाद नगरनार स्थित स्टील प्लांट अपने नैगम सामाजिक दायित्व के तहत बस्तर और छत्तीसगढ़ के विकास के लिए न केवल स्वतंत्र रूप से वहीं फैसला लेने की स्थिति में होगा बल्कि बस्तर और छत्तीसगढ़ के हित में अन्य महत्वपूर्ण फैसला लेने के लिए भी प्लांट प्रबंधन स्वतंत्र होगा जो कि आदिवासी बहुल बस्तर और छत्तीसगढ़ के व्यापक हित में होगा।