क्या उसी दबाव के चलते चीन के बैंक से पैसे भी लिए जा रहे हैं?
चीन स्थित AIIB (Asian Infrastructure Investment Bank) से भारत सरकार ने 8 मई को 500 मिलियन डॉलर के लोन की पहली क़िस्त और 19 जून को 750 मिलियन डॉलर की दूसरी किश्त लेने को मोदी सरकार द्वारा संसद में स्वीकार करने पर प्रदेश कांग्रेस के संचार प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि 8 मई को लगातार रिपोर्ट आ रही थी कि चीन हमारी सीमाओं में घुसपैठ कर रहा है, 19 जून तक तो हमारे 20 वीर जवान शहीद भी हो चुके थे। 19 जून एक काला दिन है क्योंकि उस दिन हमारे प्रधानमंत्री ने देश के साथ झूठ बोला। 19 जून को ना केवल चीन को 19 तारीख को प्रधानमंत्री ने क्लीन चिट दी, बल्कि 19 जून को चीन स्थित, बीजिंग स्थित, एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इनवेस्टमेंट बैंक से पैसे भी लिए।
प्रदेश कांग्रेस के संचार प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि मोदी सरकार का ढोंग अब सबके सामने है कि किस तरह से एक तरफ तो कहते हैं कि हम आर्थिक रुप से चीन से रिश्ते समाप्त करना चाहते हैं, ट्रैडर एसोसिएशन को कहते हैं कि चीन का सामान का बॉयकोट करो, आम आदमी से सारी उम्मीदें हैं मोदी सरकार और जब खुद पर आती है तो चीन के बैंक से पैसे लेते हैं। ये वो बैंक है जिसमें सबसे बड़ा शेयर होल्डर चीन है। जनवरी 2016 में एआईआईबी बैंक की स्थापना बीजिंग में हुई थी जिसमें 26.6 प्रतिशत शेयर चीन का है।
प्रदेश कांग्रेस के संचार प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि विदेश मंत्री जयशंकर जी जब कहते हैं कि ‘Business as usual नहीं हो सकता अब चीन के साथ’
हम उनसे ये जानना चाहते हैं कि क्या आज भी वो इस बात पर अडिग हैं और अगर वो इस बात पर अडिग हैं तो
ये Business as usual मोदी सरकार क्यों कर रही हैं चीन के साथ ?
क्या दवाब है मोदी जी पर ?
क्या यही वह दवाब है जिसके चलते मोदी ने 19 जून को चीन को क्लीन चिट दी ?
क्या यही दबाव है जिसके चलते आप चीन के बैंक से पैसे लिए जा रहे हैं?
क्या यही दबाव है जिसकी वजह से आप पीएम केयर में चीन की कंपनियों से पैसा लेते हैं और उजागर भी करना चाहते ?