रायपुर, 16 सितम्बर 2020/ स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने आज रायपुर शहर एवं आसपास के मोहल्ला कक्षाओं का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने कचना, फुंडहर, पुरैना तालाब, कबीर नगर और लाखेनगर पहुंचकर वहां संचालित मोहल्ला कक्षाओं का अवलोकन किया। इस दौरान वरिष्ठ विधायक श्री सत्यनारायण शर्मा उनके साथ थे।
उल्लेखनीय है कि स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा लॉकडाउन अवधि में स्कूलों की नियमित पढ़ाई बंद होने के कारण, कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए पालकों की सहमति से स्कूलों से बाहर गांव और मोहल्लों में “पढ़ई तुंहर पारा“ अन्तर्गत शिक्षकों एवं स्थानीय युवाओं (शिक्षा मित्र/शिक्षा सखी) के सहयोग से स्वेच्छिक रूप से ऑफलाईन कक्षाओं का संचालन किया जा रहा हैं। इन कक्षाओं में वे बच्चे सम्मिलित होते है, जिनके पास मोबाईल फोन या इंटरनेट सुविधा नहीं हैं। मंत्री डॉ. टेकाम को बच्चों एवं शिक्षको ने चर्चा में बताया कि इस विपत्ति के समय शिक्षा विभाग की अभिनव पहल पढ़ई तुंहर दुआर से विद्यार्थियों को शिक्षा से जोड़े रखने एवं उन्हें गतिविधियों के माध्यम सीखने-सिखाने का अवसर सुलभ हुआ है। नए-नए नवाचार के माध्यम से शिक्षकों के अध्यापन कौशल में निखार आया है, वहीं बच्चों में पारंपरिक रटंत विद्या के स्थान पर स्वयं गतिविधियों के माध्यम से विषय की समझ विकसित हो रही है। मंत्री श्री टेकाम ने अध्ययन-अध्यापन की इस व्यवस्था के लिए शिक्षकों की भूमिका की सराहना की।
स्कूल शिक्षा मंत्री और अवलोकन दल के सदस्यों ने सुबह सबसे पहले “कचना“ स्थित साहू सार्वजनिक भवन में “शिक्षिका सुनीला फ्रेंकलीन“ की कक्षा का अवलोकन किया। अवलोकन के समय बच्चे दो अलग कक्षों मे मॉस्क पहनकर एवं शारीरिक दूरी का पालन करते हुए ड्राइंगशीट में विभिन्न चित्रों के माध्यम से अध्ययन कर रहे थे। इसके बाद “फुंडहर“ स्थित सामुदायिक भवन में “डॉ. वंदना अग्रवाल“ एवं साथियो द्वारा मिट्टी की मूर्तिकला, रेत की मूर्ति, ड्राइंगशीट पर चित्रों के माध्यम से बच्चों को शिक्षा प्रदान कर रही थी। “पुरैना तालाब“ के पास “शिक्षिका कविता आचार्य“ द्वारा लाउडस्पीकर के माध्यम से पाठ्य पुस्तक के इंग्लिश पोयम को सिखाने का अनोखा तरीका देखा गया। “कबीर नगर“ रायपुर के सामुदायिक भवन में “रीता मंडल“ एवं शिक्षा सखियों की “नाट्यशैली“ की कक्षा का अवलोकन कर बच्चों से चर्चा की। अतः में अवलोकन दल के सदस्यों ने “लाखेनगर“ स्थित तालाब किनारे “ममता अहार मेडम“ की “गीत-संगीत“ के मनोरंजक तरीके से शिक्षा प्रदान करते पाया। इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी श्री जी.आर. चन्द्राकर, जिला मिशन समन्वयक एवं नोडल अधिकारी श्री के.एस. पटले ने मंत्री डॉ. टेकाम को जानकारी दी कि वर्तमान में जिले के 317 गांवों और मोहल्लों में 837 शिक्षकों द्वारा 16 हजार 116 बच्चों को कंटेनमेंट क्षेत्र के बाहर “पढ़ई तंुहर पारा“ अन्तर्गत ऑफलाईन शिक्षा दी जा रही हैं। वहीं “लॉउडस्पीकर“ से 172 गांव और मोहल्लों में 50 शिक्षकों द्वारा 1559 बच्चों को पढ़ाया जा रहा हैं। ब्लूटूथ (बूल्टू के बोल) के माध्यम से रायपुर जिला के 84 हॉटबाजार में 353 शिक्षकों द्वारा 4337 लोगो को आडियो लेशन प्रेषित किया गया हैं। “ऑनलाईन कक्षाओं“ के माध्यम से 07 अप्रैल से अब तक 1419 स्कूलों के 8028 शिक्षकों द्वारा एक लाख 27 हजार 587 कक्षाएं लगाई गई। जिसके जरिए 5 लाख 47 हजार 49 विद्यार्थियों को विभिन्न विषयों का अध्ययन-अध्यापन कराने के साथ ही उनके प्रश्नों एवं शंकाओं का समाधान किया गया। उन्होंने बताया कि पढ़ई तुंहर दुआर के माध्यम से रायपुर जिले में प्रतिदिन 1096 कक्षाएं संचालित की जा रही है। जिसमें 46,957 विद्यार्थी ऑनलाईन शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।
निरीक्षण के अवसर पर भारत स्काउट गाइड जिला संघ के जिला आयुक्त श्री सुरेश शुक्ला, यू.आर.सी. श्री शिरीष तिवारी उपस्थित थे।