दुर्ग, 15 सितंबर 2020। जिले में कोरोना पॉजिटिव की रफ्तार पर लगाम कसने को स्वास्थ्य विभाग ने कमर कस ली है। फीबर अस्पतालों से लेकर कोविड-19 जांच केंद्रों में होने वाली भीड़ को कम करने के लिए जांच में तेजी लाने के उद्देश्य से अब रात में कोरोना की जाँच की जाएगी।
नाइट शिफ़्ट के लिए अलग से टीम लगाई जाएगी। ताकि जांच उसी दिन मिल सके। वहीं स्वास्थ्य विभाग 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों की सेहत को ध्यान में रखते हुए घर-घर जाकर स्वास्थ्य सर्वे भी करेगी। इसके लिए मितानिन और आरएचओ को सर्दी, खांसी, बुखार सहित अन्य बीमारियों से संबंधित लोगों की स्वास्थ्य देखभाल की जानकारियां देंगी। सीएमएचओ डॉ. गंभीर सिंह ठाकुर ने बताया, ओल्ड एज में डेथ रेट को नियंत्रण करने में कोविड सेंटरों में सुविधाओं के साथ अस्पतालों में बेड की संख्या बढाने और ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था गंभीर मरीजों के लिए की जाएगी। वहीं कोरोना महामारी को हराने के लिए अब निजी अस्पताल प्रबंधन से भी पूरी तरह सहयोग लिया जाएगा। निजी अस्पताल प्रबंधन से भी आईसीयू बेड की संख्या में इजाफा करने को कहा गया है। ताकि आपातकालीन सुविधाओं में मरीजों को बेहतर इलाज की सुविधाएं समय रहते मिल सकें।
डॉ. ठाकुर ने कहा, जांच में देरी न हो इसके लिए नाइट शिफ़्ट में सेम्पल टेस्ट लिया जाएगा। वर्तमान में जिला अस्पताल सहित अन्य सेंटरों में प्रतिदिन 1,000 सेम्पल का टेस्ट किया जा रहा है। सितंबर महीने में हर दिन मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। इसलिए संभावित मरीजों की जाँच कर शीघ्र पहचान की जाएगी इसके साथ ही इलाज करने के लिए अस्पतालों में अतिरिक्त टीम की तैनाती भी की जा रही है ताकि डेथ रेट को कम किया जा साके । जिले के हॉट स्पॉट एरिया में भिलाई-3, खुर्सीपार, सुपेला सहित 20 अस्पतालों में जांच सेंटरों की संख्या को बढाया जा रहा है। वर्तमान में जिले के 40 स्वास्थ्य केंद्रों व 8 मोबाइल यूनिट द्वारा सेंपल लेकर जांच की जा रही है।
जिले में कोरोना संक्रमण को लेकर मिली जानकारी के अनुसार अब तक 6,588 मरीज संक्रमितों में से 2,857 लोग डिस्चार्ज होकर घर चले गए हैं। वहीं अब भी 3,675 मरीज कोरोना संक्रमित हैं जिनका इलाज विभिन्न कोविड अस्पतालों में जारी हैं। स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 14 सितंबर तक जिले में 56 लोगों की मौत हुई है जिसमें 15 लोगों की मौत कोविड से और 41 लोगों की जान को-मॉर्बिडिटी यानी जो कोविड से पहले गंभीर बीमारियों से ग्रसित थे।