रायपुर, 13 सितंबर 2020। जिले में राष्ट्रीय पोषण माह-2020 के अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्रों और सेक्टर स्तर पर “ सही पोषण-छत्तीसगढ रोशन “ जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है। कोविड-19 की वजह से कंटेन्टमेंट जोन को छोड़ कर अन्य क्षेत्रों के आंगनबाड़ी केंद्रों का भी संचालन किया जा रहा है। राष्ट्रीय पोषण माह के दौरान 1 सितंबर से 30 सितंबर तक प्रत्येक दिन अलग-अलग गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं। इससे जरूरतमंदों तक शासन की योजनाओं से हितग्राहियों को स्वथ्य और सुपोषित बनाया जा रहा है। जिला महिला एवं बाल विकास कार्यक्रम अधिकारी अशोक कुमार पांडेय ने बताया आंगनबाड़ी कार्यकर्ता प्राथमिकता के आधार पर घर जाकर हितग्रहियों से मिल रहे हैं। इसी तरह 06 माह से 01 वर्ष तक के बच्चों के घर में परिवारजनों की उपस्थिति में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पोषण आहार खिलाने की आवश्यक सलाह दे रही हैं। साथ ही आंगनबाड़ी केन्द्र व हितग्राहियों के घर आंगन में पोषण वाटिका निर्माण के लिए प्रेरित भी किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कोरोना संक्रमण के इस दौर में पोषण माह के दौरान रेडियो, टीवी, प्रिंट, मोबाइल के माध्यम से एनीमिया, डायरिया, स्वच्छता एवं हाथ धुलाई, पौष्टिक आहार से संबंधित संदेश, नारे, जिंगल्स आदि से प्रचार-प्रसार किया जा रहा है ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो सके इसके लिए लोगों तक सोशल मीडिया के माध्यम से फेसबुक, वाट्सअप व टयूटर में जानकारियां प्रदान करते हुए प्रसार -प्रसार किया जा रहा है। कुपोषित बच्चों को चिंहाकित करते हुए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा प्राथमिकता के आधार पर कुपोषित बच्चों को खिलाए जाने वाले पोषण आहार की जानकारी दी जा रही है।
राजधानी से भनपुरी सेक्टर की महिला पर्यवेक्षक श्रीमती रजनी सिंह ने बताया पोषण माह में आंगनबाड़ी केंद्र नया आनंदनगर भनपुरी में नियमित टीकाकरण के दौरान शुक्रवार को खाद्य सामाग्रियों का प्रदर्शन किया गया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती कांता निर्मलकर द्वारा टीकाकरण के लिए आने वाली हितग्राही महिलाओं को पोषण का महत्व व विटामिन और मिनिरल्स से शरीर को कुपोषण, एनिमिया से होने वाले बचाव की जानकारी दी गई। मितानिन सुरेखा वर्मा ने कहा शिशुवती व गर्भवती माताओं को कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए शिशुओं की देखभाल में बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में बताया जा रहा है। इसके अलावा 6 माह तक केवल स्तनपान और 7वें माह से बच्चों को पूरक आहार कितना और कितनी बार और क्या खिलाएं इसकी जानकारी दी गई। पोषण माह में बच्चों के अलावा किशोरियों में कुपोषण से बचाव की जानकारी भी दी गई।
हितग्राही शिशुवती माताओं ने पोषण अभियान को सराहा –
शहर के भनपुरी इलाके की रहने वाली 29 वर्षीया शिशुवती माता श्रीमती नीलम शुक्ला ने बताया उनकी बच्ची 1 साल की होने वाली है। बच्चे का वजन 11 किग्रा है। नीलम बताती हैं पोषण माह से बच्चों के देखभाल के प्रति अपनायी जाने वाली छोटी-छोटी सावधानियों के बारे में जानकारियां मिल रही है। गृहभ्रमण के दौरान मितानिन सुरेखा वर्मा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कांता निर्मलकर ने शिशुओं के बढते उम्र के साथ ऊपरी आहार का महत्व बताया । नीलम ने कहा शिशुओं पोषण आहार के रुप में रेडी-टू-ईट डलिया, हलवा, चीला, दूध, रोटी, दाल अपने घर में ही बनाकर बच्चों को खिलाया जाए। बच्चों की सेहत पर ध्यान रखते हुए बाहरी चीजों से परहेज करते हुए साफ-सफाई पर विशेष ध्यान रखने के संबंध में बताया गया।
न्यू आनंद नगर की हितग्राही शिशुवती श्रीमती ज्योती योगी के शिशु का उम्र 9 माह का है। शिशु का वजन 8.1 किग्रा है। ज्योती ने बताया आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व मितानिन दीदी द्वारा नियमित टीकाकरण से लेकर शिशु के देखभाल को लेकर लगातार सम्पर्क होता रहता है। लॉकडाउन के दौरान उन्हें रेडी-टू-ईट पैकेट का वितरण घर पर ही किया गया था। वहीं पोषण माह अभियान के दौरान 6 माह से अधिक उम्र के बच्चों को ऊपरी आहार के रुप में फल, घर पर बने गर्म व ताजा भोजन देने की सलाह मिली है। ताकि बढ़ते उम्र के साथ बच्चे का शाररिक व मानसिक विकास भी हो सके। बच्चों को सही पोषण मिलने से शरीर में इम्यूनिटी सिस्टम मजबूत रहता है। इससे बच्चों को मौसमी बीमारियों के संक्रमण का खतरा नहीं रहता है। मितानिन व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता दीदियों की वजह से उन्हें अब बच्चे का वजन कराने व टीकाकरण के लिए दूर जाने की जरुरत नहीं पड़ती है।