रायपुर, छत्तीसगढ़ राज्य हाथकरघा विकास एवं विपणन सहकारी संघ मर्यादित रायपुर द्वारा गणवेश सिलाई के कार्य में छत्तीसगढ़ के लोगों को ही प्राथमिकता से कार्य दिया जा रहा है। गणवेश सिलाई के इस कार्य में अन्य प्रदेश के लोग शामिल नहीं हैं। छत्तीसगढ़ राज्य हाथकरघा विकास एवं विपणन सहकारी संघ मर्यादित रायपुर के प्रबंध संचालक श्री राजेश सिंह राणा ने बताया कि ग्रामोद्योग विभाग के अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य हाथकरघा विकास एवं विपणन सहकारी संघ मर्यादित रायपुर द्वारा कोरोना संक्रमण के बावजूद प्रदेश के 486 महिला स्व-सहायता समूह को गणवेश सिलाई के माध्यम से 5832 महिलाओं को रोजगार उपलब्ध करा रही है। महिला स्व-सहायता समूह को समय-सीमा में गणवेश आपूर्ति करने के लिए फरवरी 2020 से ही गणवेश सिलाई का कार्य चालू किया गया था। कोरोना संक्रमण के कारण महिला स्व-सहायता समूह द्वारा गणवेश सिलाई में विलंब हुआ। संघ कार्यालय द्वारा प्रदेश के महिला स्व-सहायता समूह जो संघ के निर्धारित मापदण्ड के अनुसार 486 महिला स्व-सहायता समूह को गणवेश सिलाई का कार्य आदेश दिया है एवं उन्हीं महिला स्व-सहायता समूह को सिलाई के विरूद्ध आर.टी.जी.एस. के माध्यम से सिलाई पारिश्रमिक भुगतान किया गया है। महिला स्व-सहायता समूह के सिलाई क्षमता, कुशलता, दक्षता के आधार पर गणवेश सिलाई का कार्य संघ द्वारा दिया जाता है।
प्रबंध संचालक श्री राणा ने बताया कि विगत दिनों एक दैनिक समाचार पत्र में ‘हाथकरघा में गड़बड़ झाला स्कूलों ड्रेस का काम बंगाल के कारीगरों को सौंपा‘ शीर्षक से प्रकाशित समाचार अनुसार माधुरी यदु, क्षीरसागर महिला स्व-सहायता समूह द्वारा काम देने के एवज में पैसे की मांग की जा रही है एवं माह फरवरी से काम दिया गया था। उसके बाद अचानक काम देना बंद कर दिया गया, का प्रकाशन हुआ था। इस प्रकाशित समाचार के संबंध में उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य हाथकरघा संघ रायपुर द्वारा विगत कई वर्षों से महिला स्व-सहायता समूह के माध्यम से गणवेश सिलाई कर स्कूल शिक्षा विभाग एवं राजीव गांधी शिक्षा मिशन को आपूर्ति की जाती है।
श्री राणा ने बताया कि महिला स्व-सहायता समूह द्वारा समूह के महिलाओं को असुविधा से बचाने के लिए कार्यालय से सिलाई कार्य आदेश तैयार कर संघ के भनपुरी गोदाम से वस्त्र प्रदाय किया जाता है। जिसमें अभी तक किसी भी प्रकार की शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। संघ द्वारा पंजीयन सहकारी संस्थाएं फर्म्स से पंजीकृत एवं हाथकरघा संघ से संबद्ध स्व-सहायता समूहों को ही गणवेश सिलाई हेतु वस्त्र प्रदाय किया जाता है। बंगाली कारीगरों अथवा अन्य राज्य के बाहरी कारीगरों को आज तक नहीं दिया गया है। क्षीर सागर महिला स्व-सहायता समूह रायपुर को इस वर्ष 28 हजार गणवेश सेट का सिलाई आदेश दिया जा चुका है जो कि अन्य महिला स्व-सहायता समूहों के कार्य आदेश से सर्वाधिक है। साथ ही उक्त समूह को विगत एक सितंबर 2020 को ही गणवेश सिलाई का भी कार्य आदेश दिया गया है।