रायपुर, राज्य शासन के स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा पढ़ई तुंहर दुआर कार्यक्रम से अध्ययन-अध्यापन कार्य को सहज व सरल बनाने का कार्य किया गया है। बच्चों के अधिगम को रोचक व प्रभावशाली बनाने के लिए ऑनलाईन और ऑफलाईन शिक्षा की कारगर व्यवस्था की गई है। इस महत्वपूर्ण अभियान में शिक्षकों ने भी नवाचार करने में सफलता पाई है। कई क्षेत्रों में जहां मोबाइल नेटवर्क की समस्या है वहां समुदाय की सहभागिता से नवीन प्रयोग किए गए। जिले में शिक्षकों द्वारा नवाचारी प्रयोग से बच्चों को शिक्षा का लाभ अनवरत मिल रहा है। गरियाबंद जिला बच्चों द्वारा होमवर्क अपलोड करने और शिक्षकों द्वारा असाइनमेंट जांच में प्रदेश में द्वितीय स्थान पर है। जिले में 1540 स्कूलों में वर्चुअल क्लास का संचालन सफलतापूर्वक किया जा रहा है। पढ़ई तुंहर पारा कार्यक्रम में मोहल्ला क्लास का संचालन 136 स्थानों पर शिक्षक, मोहल्ला वालेंटियर के माध्यम से हो रहा है।
मैनपुर विकासखण्ड के दूरस्थ वनांचल ग्राम गोना में समुदाय की सहभागिता से नई पहल की गई है। यहां नवाचारी शिक्षक श्री पेशवर राम यादव कोरोना संकट काल में भी शिक्षक और शिक्षित युवक-युवतियां मिलकर ज्ञान का प्रकाश फैला रहे हैं। शाला समुदाय की सक्रिय भागीदारी से यह नई इबारत लिखी जा रही है। स्मार्टफोन धारक ग्राम सरपंच सहित सात युवक-युवतियों की टीम बनाकर सर्वप्रथम अपने-अपने पारा-टोला के आस-पास के बच्चों को जोड़ा है। शिक्षित मोबाइल धारक निश्चित समय एवं निश्चित स्थान पर प्रतिदिन ऑनलाईन क्लास में जुड़कर उसकी विषय-वस्तु को भली-भांति समझते हैं। इसके पश्चात् उसी विषय का अध्यापन स्वेच्छा से समय निकालकर बच्चों को पढ़ाते हैं। मोबाइलधारक साथी प्रतिदिन एक से दो घंटा बच्चों की शिक्षा के लिए अपना अमूल्य समय और मोबाइल उपलब्ध करा रहे हैं। बच्चों के लिए यू-ट्यूब से उपलब्ध विषयवार प्रभावी शैक्षिक गतिविधियां स्वयं इनके द्वारा तैयार की गई। इनमें प्रभावी वीडियो, पढ़ई तुंहर दुआर की वेबसाईट, ज्ञानवर्धक ऑडियो, शैक्षणिक एप्स, होमवर्क, प्रश्नोत्तरी, लेखन सामग्री, अन्य शैक्षणिक लिंक को शाला समुदाय ग्रुप में साझा किया जाता है। इसे मोबाइल धारक साथी अपने स्मार्टफोन में डाउनलोड कर बच्चों को उपलब्ध कराते हैं।
हमर पहुना एक नवाचारी कदमवर्कशीट से ऑनलाईन और ऑफलाईन पढ़ाई
शासकीय प्राथमिक शाला शुकलाभाठा में पदस्थ सहायक शिक्षक श्री संतोष कुमार तारक द्वारा प्रतिदिन सुबह ऑनलाइन वर्चुअल क्लास लेने के साथ बच्चों में पढ़ने एवं लेखन कौशल को और अधिक निखारने के लिये ’हमर पहुना’ कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसमें बच्चों को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से वर्क शीट को पहुना बनाकर दिया जाता है। इस साप्ताहिक कार्यक्रम में सप्ताह भर पढ़ाई गई विषय का वर्क शीट तैयार कर बच्चों तक पहुंचा दिया जाता है। बच्चे इसे एक सप्ताह के भीतर हल कर ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से अपनी सुविधानुसार भेजते हैं, कोई समस्या आने पर कॉल करते हैं जिसका समाधान किया जाता है, फिर भी समझ नही आने पर वीडियो बनाकर व्हाट्सएप पर भेजा जाता है।
ऑडिओ शैक्षिक मटेरियल से पढाई हुई आसानएससीईआरटी द्वारा स्वीकृत
कोरोना संकट में प्राथमिक शाला किसान पारा गरियाबंद में पदस्थ सहायक शिक्षक श्रीमती इंदरप्रीत कौर कुकरेजा द्वारा ब्लॉक स्तरीय तकनीकी टीम में कार्य करते हुए गरियाबंद ब्लॉक के शिक्षकों को पीपीटी निर्माण एवं ऑनलाइन कक्षा संचालन के लिए प्रशिक्षण दिया गया। श्रीमती कुकरेजा द्वारा भी ऑनलाइन कक्षाएं संचालित की जा रही हैं। इनके द्वारा प्राथमिक स्कूल की कक्षा पहली से पांचवीं तक के हिंदी विषय के लिए बनाए गए ऑडियो शिक्षण अधिगम काफी प्रभावशाली है, जिसे एससीईआरटी द्वारा बनाए गए बुलटू ऐप में शामिल किया गया है। ऑडियो शैक्षिक सामग्री से बच्चों की पढ़ाई आसान हुई है।