रायपुर, 25 अगस्त 2020/छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के अब सुखद परिणाम आने लगे हैं। महिलाओं के शारीरिक कमजोरी के चलते उनमें खून की कमी हो जाने से एनीमिया से पीड़ित हो जाती है। राज्य शासन द्वारा 15 से 49 आयु वर्ग की महिलाओं का मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत हीमोग्लोबिन की जांच करायी जाती हैं। कांकेर जिले में ग्राम चपेली की महिला श्रीमती प्रमिला पति बलिराम का हिमोग्लोबिन 5.5 ग्राम था। प्रमिला को मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के अंतर्गत पंजीयन किया गया और माह अक्टूबर 2019 से उसे प्रतिदिन दाल, चॉवल, सब्जी, गरम भोजन, अण्डा खिलाया गया। प्रमीला को अक्टूबर, नवम्बर, दिसम्बर और जनवरी 2020 से आंगनबाड़ी केन्द्र चपेली में प्रतिदिन गरम भोजन से लाभान्वित किया गया। मार्च 2020 से आंगनबाड़ी के माध्यम से घर पहुंचाकर सूखा राशन जैसे-दाल, चांवल, आचार-पापड़, बड़ी और अण्डा प्रदाय किया गया। अंागनबाड़ी कार्यकर्ता पेमीन द्वारा गृहभेंट के दौरान प्रमिला के घर में मुनगा पेड़ होने के कारण प्रतिदिन उन्हें मुनगा भाजी खाने की सलाह भी दी गई, साथ ही स्वच्छता पर ध्यान देने के लिए खाना बनाने के पूर्व हाथ साबुन से धोने, भोजन करने के पहले व शौच के बाद हाथ साबुन से धोन की जानकारी दी गई। उन्हें माह अगस्त 2020 में हिमोग्लोबिन टेस्ट कराया गया, जिसमें उसका हिमोब्लोबिन अब बिलकुल ठीक है। अब प्रमिला एनिमिया मुक्त हो गई है और वह बहुत खुश है। प्रमिला ने मुख्यमत्री सुपोषण अभियान चलाये जाने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का आभार व्यक्त किया है।