रायपुर, 18 अगस्त 2020/ राज्य के सुदूर वनांचल के निवासियों को गोधन न्याय योजना से लाभ मिलना शुरू हो गया है। बस्तर जिले के विकासण्ड बस्तर, बकावण्ड, जगदलपुर, तोकापाल, लोहंडीगुडा, दरभा, बास्तानार के 93 स्व-सहायता समूह की 930 महिला सदस्यों द्वारा वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण किया जा रहा है। इन समूहों द्वारा जिले मंे प्रथम चरण में बनाए गए 54 गौठान में 478 क्विटल से ज्यादा वर्मी कम्पोस्ट बनाया गया है। महिलाओं ने इनमें से 442 क्विंटल वर्मी खाद बेचकर 3 लाख 62 हजार रूपए से ज्यादा आर्थिक लाभ प्राप्त कर चुकी हैं। महिलाओं की इस उपलब्धि से प्रेरित होकर जिले की अन्य समूहों की महिलाएं भी वर्मी कम्पोस्ट बनाने का कार्य शुरू करने की तैयारी में जुट गईं है। महिला समूहों द्वारा उत्पादित वर्मी खाद की खरीदी निजी संस्थाओं एवं स्थानीय बाजारों व कृषकों द्वारा की जा रही है।
सुराजी ग्राम योजना के तहत् बस्तर जिले मे प्रथम चरण में 54 एवं द्वितीय चरण में 123 एवं वनविभाग के 51 गोठानों को मिलाकर कुल 274 गौठानों का निर्माण किया जा रहा है। वर्तमान मे 93 गौठान मे 311 वर्मी बेड एवं 365 वर्मी टांका स्थापित किये गये है। छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकंाक्षी नरवा, गुरूवा, घुरूवा और बाड़ी योजना के तहत राज्य के सभी गांवों में गौठान का निर्माण किया जा रहा है। स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजित हो सके इसके लिए गोबर से वर्मी खाद् बनाने के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान के द्वारा गठित स्वसहायता समूहों का चिन्हांकन किया गया है।