अवर होम बालिका गृह में रह रही बालिकाओं को स्थानांतरित करने बाल कल्याण समिति बिलासपुर के आदेश को कलेक्टर ने रखा यथावत

माननीय उच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश के परिप्रेक्ष्य में गठित जिला स्तरीय निरीक्षण समिति ने अवर होम बालिका गृह के जांच में पाई कई गंभीर त्रुटियां

रायपुर, 17 अगस्त 2020/ कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी बिलासपुर ने अवर होम बालिका गृह संस्था बिलासपुर में निवासरत बालिकाओं को शासकीय बालिका गृह सरकंडा स्थानांतरित किए जाने संबंधी बाल कल्याण समिति बिलासपुर के आदेश को यथावत रखा है। अवर होम बालिका गृह संस्था द्वारा दायर रिट पिटीशन के परिप्रेक्ष्य में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए अंतरिम आदेश के परिपालन में मामले की सुनवाई करते हुए कलेक्टर ने उक्त आदेश पारित किया। 

ज्ञातव्य है कि अवर होम बाल गृह बालिका बिलासपुर के निरीक्षण के दौरान जिला बाल सरंक्षण अधिकारी ने कई कमियां पाई थीं। संस्था द्वारा जे.जे.एक्ट के पालन में भी लापरवाही का मामला पकड़ में आया था। अवर होम बालिका गृह के संचालक श्री संजीव ठक्कर द्वारा संस्था में ही निवास करना तथा संस्था में आने वाले आगन्तुकों के संबंध में बाल कल्याण समिति से अथवा उच्च अधिकारियों से किसी भी प्रकार की अनुमति न लिए जाने तथा उच्चाधिकारियों के आदेशों की बार-बार अवहेलना का मामला प्रमाणित पाए जाने पर संस्था में संरक्षण प्राप्त बालिकाओं को अन्य शासकीय बालिका गृह में स्थानांतरित किए जाने की अनुशंसा की गई थी। जिसके परिप्रेक्ष्य में बाल कल्याण समिति बिलासपुर द्वारा 27 नवम्बर 2019 को अवर होम संस्था में निवासरत बालिकाओं को अन्य शासकीय बालिका गृह में स्थानांतरित किए जाने का आदेश पारित किया था। 

गौरतलब है कि बाल कल्याण समिति के उक्त आदेश के विरूद्ध अवर होम संस्था के संचालक ने माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर में रिट पिटीशन दायर किया था। इस रिट पिटीशन में माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर द्वारा अंतरिम आदेश पारित किया गया था, जिसमें याचिकाकर्ता को कलेक्टर बिलासपुर के समक्ष 15 दिवस के भीतर नवीन अभ्यावेदन प्रस्तुत करने एवं कलेक्टर बिलासपुर को उक्त नवीन अभ्यावेदन पर 45 दिन के भीतर निर्णय लिए जाने का आदेश दिया गया था। अंतरिम आदेश में आवश्यकतानुसार संस्था की कार्यप्रणाली की पुनः जांच के भी आदेश दिए गए थे। 

माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर के द्वारा रिट पिटीशन के परिप्रेक्ष्य में जारी किए गए अंतरित आदेश के पालन में कलेक्टर द्वारा जिला स्तरीय निरीक्षण समिति (जिला बाल संरक्षण इकाई) को संस्था का निरीक्षण कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया गया। जिला स्तरीय निरीक्षण समिति ने कलेक्टर को अपने निरीक्षण प्रतिवेदन में इस बात का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया है कि संस्था में निर्धारित पदों की पूर्ति में शासन द्वारा निर्धारित मापदंड व नियम का पालन नहीं किया गया है। संस्था संचालक द्वारा किशोर न्याय अधिनियम 2015 एवं आदर्श नियम 2016 का लगातार उल्लंघन किया जा रहा है। निवासरत बालिकाओं को मीनू चार्ट के अनुसार भोजन नहीं दिया जाने सहित अनियमितता के कई मामलों का उल्लेख जिला स्तरीय निरीक्षण समिति ने अपने प्रतिवेदन में किया है। संस्था संचालक द्वारा रिट पिटीशन के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा जारी किए गए अंतरिम आदेश के पालन में भी लापरवाही बरती गई। संस्था के संचालक ने माननीय उच्च न्यायालय के निर्देश के बावजूद भी कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी बिलासपुर के समक्ष अभ्यावेदन प्रस्तुत नहीं किया, जिसकी पुष्टि भी संस्था संचालक ने कलेक्टर के समक्ष सुनवाई के दौरान की।

अवर होम संस्था में रह रही बालिकाओं के हितों के संरक्षण में बरती जा रही लापरवाही, जे.जे. एक्ट के उल्लंघन तथा उच्च अधिकारियों के आदेशों एवं निर्देशों के पालन में लगातार लापरवाही बरतने तथा संस्था की कार्यप्रणाली में सुधार न पाए जाने पर कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी ने जिला बाल कल्याण समिति के फैसले को मान्य करते हुए संस्था में रह रही बालिकाओं को शासकीय बालिका गृह सरकंडा में स्थानांतरित किए जाने का आदेश पारित किया।

कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी के समक्ष अभ्यावेदन प्रस्तुत करने के माननीय उच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश का याचिकाकर्ता ने नहीं किया पालन

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