नई दिल्ली :केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने चालू वित्त वर्ष में पूंजीगत खर्च की समीक्षा करने के लिए आज शिपिंग, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, आवास व शहरी कार्य एवं रक्षा मंत्रालयों और दूरसंचार विभाग के सचिवों तथा इन मंत्रालयों से संबंधित 7 सीपीएसई (केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम) के सीएमडी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस की। यह कोविड-19 महामारी के मद्देनजर आर्थिक विकास को नई गति देने के लिए विभिन्न हितधारकों के साथ वित्त मंत्री की बैठकों की मौजूदा श्रृंखला में तीसरी बैठक थी।
इन 7 सीपीएसई हेतु वित्त वर्ष 2020-21 के लिए संयुक्त पूंजीगत खर्च लक्ष्य 124824 करोड़ रुपये है। वित्त वर्ष 2019-20 में 7 सीपीएसई के लिए 1,29,821 करोड़ रुपये के पूंजीगत खर्च लक्ष्य के सापेक्ष खर्च 1,14,730 करोड़ रुपये यानी 88.37% का हुआ। वित्त वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही के दौरान उपलब्धि यानी खर्च 20,172 करोड़ रुपये (15.53%) का था और जुलाई 2020 तक (वित्त वर्ष 2020-21) तक उपलब्धि यानी खर्च 24,933 करोड़ रुपये (20%) है।
वित्त मंत्री ने संबंधित सचिवों से सीपीएसई के कार्य-प्रदर्शन की बारीकी से निगरानी करने को कहा, ताकि वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही के आखिर तक पूंजीगत परिव्यय के 50% तक पूंजीगत खर्च सुनिश्चित किया जा सके और इसके लिए उचित योजना बनाई जा सके।
भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास को गति देने में सीपीएसई की महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख करते हुए वित्त मंत्री ने सीपीएसई को अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए बेहतर प्रदर्शन करने के साथ-साथ यह सुनिश्चित करने के लिए प्रोत्साहित किया कि वित्त वर्ष 2020-21 के लिए उन्हें प्रदान किए गए पूंजीगत परिव्यय को सही ढंग से और समय के भीतर व्यय किया जाए। उन्होंने कहा कि सीपीएसई के बेहतर प्रदर्शन से अर्थव्यवस्था को कोविड-19 के प्रभाव से उबरने में काफी हद तक मदद मिल सकती है।
सीपीएसई ने विशेषकर कोविड-19 महामारी के कारण अपने समक्ष मौजूद विभिन्न बाधाओं पर चर्चा की। वित्त मंत्री ने कहा कि असाधारण परिस्थितियों में असाधारण प्रयासों की आवश्यकता होती है और सामूहिक प्रयासों से हम न केवल बेहतर प्रदर्शन करेंगे, बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था की भी व्यापक मदद बेहतर परिणाम हासिल करने में करेंगे।