रायपुर, 13 अगस्त 2020/ छत्तीसगढ़ राज्य औषधि पादप बोर्ड के अध्यक्ष श्री बालकृष्ण पाठक ने आज राज्य वन अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान भवन में आयोजित कार्यक्रम में अपना कार्यभार ग्रहण किया। इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव तथा आदिम जाति अनुसूचित जाति विकास मंत्री डाॅ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने श्री पाठक को बधाई और शुभकामनाएं दी।
स्वास्थ्य मंत्री श्री सिंहदेव ने अपने उद्बोधन में राज्य के आदिवासी, लोक परम्पराओं और औषधीय पौधों द्वारा किए जा रहे उपचारों के बारे में अवगत कराया साथ ही उन्होंने इनके दस्तावेजीकरण तथा संरक्षण पर कार्य करने के लिए विशेष जोर दिया। कार्यक्रम में आदिम जाति अनुसूचित जाति विकास मंत्री डाॅ. टेकाम ने राज्य में वैद्यों तथा पारम्परिक उपचार पद्धति को बढ़ावा देने के लिए शासन की पहल का विशेष रूप से उल्लेख किया। उन्होंने सरगुजा क्षेत्र में कई ऐसे वैद्यों के बारे में भी बताया, जो आज भी जड़ी-बूटी के माध्यम से लोगों का सफलतापूर्वक उपचार कर रहे हैं। इस अवसर पर प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री राकेश चतुर्वेदी ने छत्तीसगढ़ के वनों में काफी तादाद में औषधीय पौधों के उपलब्ध होने के बारे में बताया। साथ ही उन्होंने राज्य में उपचार की पारम्परिक पद्धतियों को बढ़ावा देने तथा वैद्यों के पंजीयन और उनके प्रशिक्षण की आवश्यकता पर विशेष बल दिया। कार्यक्रम में राज्य औषधि पादप बोर्ड के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री जे.ए.सी.एस. राव ने बोर्ड द्वारा वर्तमान में चलाये जा रहे कार्यक्रमों, योजनाओं और वर्तमान परिदृश्य में कच्ची वनौषधियों की बढ़ती मांग आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम में राज्य औषधीय बोर्ड के अध्यक्ष श्री पाठक ने कहा कि औषधीय पौधों के संग्रहण करने वाले वनवासी, औषधीय पौधों की खेती करने वाले किसान और औषधीय पौधों से उपचार कर रहे वैद्यों की आमदनी में वृद्धि हो, बोर्ड द्वारा ऐसी योजनाओं के क्रियान्वयन पर हर संभव पहल की जाएगी। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि वनौषधियों से बनने वाले उत्पादों के प्रसंस्करण केन्द्रों की स्थापना की जाए, जिससे कि संग्राहकों तथा किसानों को कच्ची वनौषधियों के स्थानीय स्तर पर विक्रय करने तथा उचित मूल्य प्राप्त होने में सहायता प्राप्त हो सके। इस अवसर पर निदेशक राज्य वन अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान श्री अतुल शुक्ला, प्रबंध संचालक छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ श्री संजय शुक्ला तथा प्रबंध संचालक छत्तीसगढ़ राज्य वन विकास निगम श्री राकेश गोवर्धन आदि उपस्थित थे।