रायपुर,आरटीआई कार्यकर्ता और काँग्रेस नेता संजीव अग्रवाल ने कहा है कि जहां एक तरफ कोविड-19 के कारण पूरे विश्व में महामारी फैली हुई है जिसे देखते हुए सभी देशों ने इस संदर्भ में बड़े ही सख्त दिशानिर्देश जारी करते हुए अपने अपने राज्य सरकारों को व्यापक तरीके से और कड़ाई से इन नियमों का पालन करने के लिए निर्देशित किया है। वहीं दूसरी तरफ राज्य सरकार के उचित निर्देशों के बावजूद जिला प्रशासन द्वारा कोविड-19 वायरस के शिकार हुए मरीज़ों को अस्पताल ले जाने में देरी और लापरवाही की ख़बरें प्रायः सामने आती रहती है। लेकिन अब तो उससे एक कदम आगे, जो लोग covid-19 के कारण मारे जा रहे हैं सरकारी नियमों के अनुसार संक्रमण रोकने के दृष्टिकोण से उन शवों को उनके परिजनों को न सौंपते हुए, उन शवों की दाह संस्कार की ज़िम्मेदारी जिला प्रशासन की होती है जिसके तहत जिला प्रशासन द्वारा शव को पूरी तरह से पैक करते हुए उसे बिजली द्वारा संचालित शवदाह यंत्र के माध्यम से जलाया जाता है।
लेकिन कुछ स्थानीय लोगों कि शिकायत के बाद कांग्रेस नेता संजीव अग्रवाल ने जिला प्रशासन से प्रश्न किया है कि जब संक्रमित शवों को उनके परिजनों को सौंपा नहीं जा सकता है तो ऐसे में इन शवों को शहर से दूर जलाने की व्यवस्था करनी चाहिए ना कि शहर के बीचोंबीच इसे जलाना चाहिए। क्योंकि जब बिजली द्वारा संचालित शवदाह यंत्र के सामने शवों को जलाने के लिए लाइन लगी रहती है तब इन संक्रमित शवों को खुले में ही जलाया जा रहा है, जिसकी पुष्टि अगर जिलाधिकारी चाहें तो देवेंद्र नगर, रायपुर शवदाह स्थल में कर सकते हैं। शवों को जलाने के लिए हमारे पास नया राजधानी में भी जगह है जहां आबादी भी नहीं है और जहां से संक्रमण फैलने का कोई खतरा नहीं रहेगा। आत: मैं जिलाधीश से निवेदन करता हूं कि इस मामले को संज्ञान में लेते हुए उचित दिशा में कदम उठाएं और लोगों को इस संक्रमण से बचाने के दिशा में उचित प्रयास करें।