रायपुर 09 अगस्त 2020 छत्तीशगढ विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत ने विश्व आदिवासी दिवस पर सभी सामाजिक वरिष्ठजनों को सादर प्रणाम करते हुए प्रत्येक को अपनी ओर से शुभकामनाये प्रेषित की है।
डॉ महंत ने कहा कि, आदिवासी समाज हमारी संस्कृति का अहम हिस्सा है,
आदिवासी प्रकृति पूजक होते है, वे प्रकृति में पाये जाने वाले सभी जीव, जंतु, पर्वत, नदियां, नाले, खेत इन सभी की पूजा करते है, और उनका मानना होता है कि प्रकृति की हर एक वस्तु में जीवन होता है। आदिवासियों को उनका हक और सम्मान दिलाने, उनकी समस्याओं के निराकरण करने, भाषा, संस्कृति और इतिहास के संरक्षण के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ ने 9 अगस्त 1994 को विश्व आदिवासी दिवस मनाने का निर्णय लिया। तब से दुनिया में विश्व आदिवासी दिवस मनाया जाता है।
डॉ महंत ने कहा कि, छत्तीसगढ़ जनजाति बाहुल्य प्रदेश है, यहां की जनजातीय कला एवं संस्कृति अनमोल है, राज्य की कुल आबादी का लगभग 32 प्रतिशत हिस्सा आदिवासी समाज का है। आदिवासी शब्द दो शब्दों आदि और वासी से मिलकर बना है और इसका मूल अर्थ मूल निवासी होता है। आदिवासी समुदाय का जीवन जल, जंगल, जमीन से जुड़ा है। आदिवासी समाज समय के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रहा है। आदिवासी समाज आज हर क्षेत्र शिक्षा, ज्ञान-विज्ञान, कला-संस्कृति में तेजी से तरक्की कर रहा है। देश-प्रदेश के विकास में आदिवासी समाज की भागीदारी पहले से बढ़ी है।