रायपुर, राज्य शासन की महत्वाकांक्षी योजना वर्षों से काबिज भूमि पर वन अधिकार मान्यता पत्र प्रदान करने से जहां वनवासियों को मालिकाना हक मिलने की खुशी है। वहीं किसान अब काबिज भूमि पर बेदखली के भय से मुक्त होकर कृषि कार्य कर रहे हैं।
इसी कड़ी में बीजापुर जिले के भैरमगढ़ विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम बरदेला के किसान श्री सुरेश नेताम ने बताया कि काबिज भूमि पर 20 साल से खेती बाड़ी कर रहे हैं। राज्य शासन द्वारा उन्हें एक एकड़ काबिज भूमि का वन अधिकार पत्र मिला है जिस पर मनरेगा के तहत् डबरी निर्माण कराया गया है। उन्होंने बताया कि उनके पिता श्री श्यामलाल नेताम को भी 2 एकड़ काबिज भूमि का वन अधिकार पट्टा मिला है।
श्री नेताम ने बताया कि उनके पास पहले से ही 3 एकड़ पैतृक कृषि भूमि हैं। खेतों में डबरी के माध्यम से सिंचाई का काम किया जाता हैं, जिससे फसल उत्पादन पहले से बेहतर हो रहा है। उनके द्वारा डबरी में पिछले साल से मछलीपालन किया जा रहा है। इस साल मछली उत्पादन से उन्हें 15 हजार रूपए की आमदनी हुई। वहीं पिछले वर्ष एक लाख 65 हजार रूपए का धान बेचकर 32 हजार रूपए का कृषि ऋण भी अदा कर दिया। श्री सुरेश ने बताया कि मेरे पिता श्री श्यामलाल नेताम वन अधिकार पट्टा वाली एक एकड़ भूमि पर हर साल मौसमी सब्जी लगाते हैं, जिसमें भिंडी, कद्दू, बरबट्टी, टमाटर एवं अन्य साग-सब्जी प्रमुख हैं। सब्जी से ही उन्हें सालाना 20 से 25 हजार रूपए की आमदनी हो जाती है। साथ ही काबिज भूमि पर आम के दस फलदार वृक्ष हैं जिसमें हर वर्ष 6-7 क्विंटल आम की पैदावार से 8-10 हजार रूपए की आय अर्जित हो रही है। कृषक श्री सुरेश ने बताया कि शासन की महत्वाकांक्षी योजना वन अधिकार पत्र एवं डबरी निर्माण मेरे और मेरे परिवार के लिए वरदान साबित हुआ है। पांच सदस्यीय मेरा परिवार शासन की योजनाओं का लाभ लेकर खुशी-खुशी अपना जीविकोपार्जन कर रहे हैं।