रायपुर, 28 जुलाई 2020/ कोरोना महामारी के विश्वव्यापी संकट के दौर में बच्चों की शिक्षा की निरन्तरता के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य शासन इस समस्या को दूर करने हर संभव प्रयास कर रही है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल से इस विषम परिस्थिति में भी बच्चों तक शिक्षा की अलख जगाने एवं बच्चों तक शिक्षा पहुंचाने के लिए पढ़ई तंुहर दुआर जैसी महत्वाकांक्षी योजना का क्रियान्वयन राज्य के स्कूलों मंे करते हुये बच्चों तक बेहतर शिक्षा पहुंचाने का सराहनीय प्रयास किया जा रहा है। वहीं वनांचल क्षेत्र के अभिभावक भी इसमे बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं। जिससे पढई तुंहर दुआर कार्यक्रम सफल होता नजर आ रहा है।
प्रदेश के नारायणपुर जिले के समीप स्थित गांव करलखा के श्री योगेश नेताम जो किसानी के साथ-साथ रोजी मजदूरी का काम करते हैं। उन्होंने अपनी बेटी कुमारी हेमा नेताम, कक्षा 4थी (प्रमोट कक्षा) की ऑनलाइन पढ़ाई में उनकी रूचि और की-पैड मोबाइल की परेशानियो को देखते हुये अपनी बच्ची को नया एन्ड्राइड मोबाइल लाकर दिया। मोबाईल मिलने से हेमा की पढ़ाई में आने वाली बाधा दूर हो गयी है। अब हेमा हंसते हुए पूरी लगन से ऑनलाईन पढ़ाई में अपना ध्यान लगा रही है। पिता योगेश का कहना है शिक्षा पर ही भविष्य निर्भर करता है। वे अपनी बेटी को अच्छी शिक्षा देना चाहते हैं। श्री योगेश ने बताया कि उनका संयुक्त परिवार है। जो खेती-किसानी के साथ-साथ वनोपज और तेन्दूपत्ता संग्रहण का काम भी करते हैं। उनके परिवार को राजीव गांधी किसान न्याय योजना और तेन्दूपत्ता संग्रहण का पारिश्रमिक भी मिला है।
प्राथमिक शाला करलखा में पदस्थ शिक्षिका श्रीमती पुष्पा सहारे ने बताया कि हेमा पढ़ाई-लिखायी में तेज है। उसकी पढ़ाई के प्रति रूचि को देखते हुए और वर्तमान में ऑनलाईन पढ़ाई को मद्देनजर पिता से मिलकर बात की और एंड्राइड मोबाईल उपलब्ध कराने की बात कही। शिक्षिका ने बताया कि स्कूल में अन्य बच्चों को बहेबीववसण्पद पोर्टल मे पंजीकृत करते हुये वर्चुअल स्कूल का निर्माण कर निरंतर ऑनलाईन अध्यापन का संचालन विधिवत् किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रतिदिन समय पर मेरे द्वारा सभी बच्चों को फोन लगाकर ऑनलाईन क्लास की जानकारी दी जाती है। जिससे बच्चे समझ जाते हैं कि अब घंटी बज गयी है मतलब ऑनलाईन पढ़ाई का समय हो गया है।