रायपुर, 26 जुलाई 2020/ छत्तीसगढ़ शासन द्वारा वन अधिकार अधिनियम के तहत भूमि मिलने से जांजगीर-चांपा जिले के विकासखंड बलौदा के ग्राम खैजा निवासी घनश्याम व सहदेव का अब भूमि से बेदखली का डर खत्म हो गया है। जमीन का मालिकाना हक मिलने से उनके परिवार में खुशी का माहौल है। अब वे पूरे परिवार के साथ बेफिक्र होकर खेती बाड़ी कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं।
वनाधिकार पट्टाधारी श्री घनश्याम ने बताया कि उसके परिवार में पत्नी के अलावा 4 बच्चे हैं। बच्चे पढ़ाई लिखाई कर रहे हैं। उन्हें मिली 0.048 हेक्टेयर जमीन पर विगत वर्ष दलहन, तिलहन, सब्जी आदि की खेती कर रहे हैं। इससे इनकी भविष्य और पेट पालने की चिंता से मुक्ति मिल गयी है। उन्हें अब जमीन से बेदखली का डर भी नहीं है। उन्होंने बताया कि वर्षों से उस काबिज जमीन पर खेती करते आए हैं, लेकिन सरकार के रिकार्ड में वन विभाग की जमीन होने के कारण उन्हें बेदखल कर दिया जाता था। बेदखली के कागजात के आधार पर ही राज्य सरकार ने उन्हें वन अधिकार पट्टा देकर चिंता से मुक्त कर दिया है। इसी प्रकार ग्राम खैजा के श्री सुखदेव गिरी को 0.038 भूमि पर वन अधिकार पट्टा मिला है। वे इस भूमि पर पहले से काबिज थे, लेकिन बेदखली का डर रहता था। श्री गिरी ने बताया कि इस जमीन पर दलहन, तिलहन व सब्जी लगाते हैं। श्री घनश्याम और सहदेव ने राज्य सरकार को वन अधिकार पट्टा देने के लिए आभार व्यक्त किया है।