बृजमोहन अग्रवाल नरेंद्र मोदी से व्यक्तिगत रूप से नाराजगी के चलते छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार पर लगा रहे हैं असत्य आरोप
वन मंत्री की जिम्मेदारी संभाल चुके बृजमोहन अग्रवाल को तो केंद्र की मोदी सरकार को कहना चाहिए अपने आदिवासी विरोधी रवैया में सुधार के लिए
रायपुर। 19 जुलाई 2020। पूर्व वन मंत्री और भाजपा नेता बृजमोहन अग्रवाल के बयान पर पलटवार करते हुए कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि तेंदूपत्ता संग्राहको का बीमा तो केंद्र की मोदी सरकार ने बंद किया है। वन मंत्री की जिम्मेदारी संभाल चुके बृजमोहन अग्रवाल को तो अपने आदिवासी विरोधी रवैया में सुधार के लिए
केंद्र की मोदी सरकार को कहना चाहिये।
कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि बृजमोहन अग्रवाल 15 वर्ष रमन सिंह सरकार में मंत्री रहे और तब उन्हें आदिवासी हित की याद क्यों नहीं आई ? भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में वादा किया था कि हर आदिवासी परिवार को 10 लीटर दूध देने वाली जर्सी गाय दी जाएगी और और आदिवासी परिवार से एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी । जब भाजपा सरकार ने यह वादे पूरे नहीं किये तब बृजमोहन अग्रवाल जी को आदिवासी हित की याद क्यों नहीं आई ? 15 वर्ष भाजपा शासनकाल में आदिवासियों पर जो अत्याचार हुए जिस तरीके से आदिवासियों की जमीनों की अफरा-तफरी की गई टाटा प्लांट बंद होने के बाद आदिवासियों की जमीन उनको वापस नहीं की गई मीना खलखो सारकेगुड़ा पेद्दागेलूर झलियामारी एडसमेटा जैसी घटनाओं में आदिवासियों की जान गई, उन पर अत्याचार किये गए तब बृजमोहन अग्रवाल खामोश रहे और अब कांग्रेस की सरकार पर आरोप लगाने के लिए झूठ का सहारा ले रहे हैं इससे ज्यादा दुखद और क्या हो सकता है ?
कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने जीवन बीमा निगम द्वारा लिखे गए पत्र को जारी करते हुए कहा है कि पत्र से स्पष्ट है कि इन योजनाओं को छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा बंद नहीं किया गया है यह योजनाएं केंद्रीय स्तर पर बंद की गई देश के हर राज्य में बंद हुई है और स्वाभाविक रूप से यह फैसला भाजपा की केंद्र सरकार ने लिया है। भाजपा की केंद्र सरकार के द्वारा लिए गए आदिवासी विरोधी मजदूर विरोधी फैसलों के लिए भाजपा के वरिष्ठ नेता बृजमोहन अग्रवाल छत्तीसगढ़ सरकार पर असत्य और अप्रामाणिक आरोप लगा रहे हैं।
कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहां है कि भाजपा की केंद्र सरकार के गरीब विरोधी मजदूर विरोधी आदिवासी विरोधी फैसलों के बावजूद छत्तीसगढ़ सरकार ने इन परिस्थितियों से निपटने के लिए तेंदूपत्ता संग्राहक को श्रम विभाग के असंगठित कामगार अधिनियम के तहत पंजीकृत करने और पूरे प्रदेश के 13.33 लाख श्रमिकों का बीमा श्रम विभाग में कराने का फैसला लिया है जिसके लिए 16.75 करोड रुपए की राशि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार के द्वारा प्रावधान किया जा रहा है पहले बीमा राशि को केंद्र सरकार राज्य सरकार और लघु वनोपज संघ मिलकर उसको करते थे लेकिन अब छत्तीसगढ़ सरकार और लघु वनोपज संघ द्वारा श्रम विभाग के माध्यम से तेंदूपत्ता तोड़ने वाले मजदूरों का बीमा कराया जा रहा है बृजमोहन अग्रवाल छत्तीसगढ़ के तेंदूपत्ता मजदूरों की चिंता ना करें और यदि उनमें नैतिक साहस हो तो भाजपा की केंद्र सरकार से श्रमिकों का बीमा बंद कराने का कारण पूछे ।