मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार प्रवासी श्रमिकों को रोजगार दिलाने सभी जिलों में आयोजित होंगे रोजगार कैम्प

उद्योग एवं श्रम विभाग विभिन्न व्यावसायिक संगठनों से एकत्र कर रहे जनशक्ति की कमी की जानकारी

कोविड-19 संक्रमण रोकने की गाईड लाईन का रोजगार कैम्पों में होगा सख्ती से पालन

रायपुर, 18 जुलाई 2020/ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देशानुसार लॉकडाउन के बाद छत्तीसगढ़ वापस लौटे प्रवासी श्रमिकों को उनके कौशल के अनुसार रोजगार उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश के सभी जिलों में रोजगार कैम्प आयोजित किए जाएंगे। लॉक डॉउन से उत्पन्न परिस्थितियों से जिलों में स्थित विभिन्न उद्योगों, फर्मों और संस्थानों में काम करने वाले कुशल और अकुशल श्रमिकों की संख्या में कमी की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
 राज्य सरकार के उद्योग एवं श्रम विभाग तथा व्यावसायिक संगठनों से समन्वय कर विभिन्न उद्योगों और संस्थानों से मिली जानकारी के आधार पर जिलों में प्रवासी श्रमिकों के लिए रोजगार कैम्प आयोजित किए जाएंगे। इससे श्रमिकों के कौशल के अनुसार उन्हें रोजगार उपलब्ध कराया जा सकेगा। 
छत्तीसगढ़ राज्य कौशल विकास प्राधिकरण एवं राज्य परियोजना लाईवलीहुड कॉलेज सोसायटी के उप मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा जिलों में प्रवासी श्रमिकों के लिए रोजगार कैम्पों के आयोजन और प्रक्रिया के संबंध में सभी जिलों के कौशल विकास नोडल अधिकारियों को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। जारी निर्देशों में कहा गया है कि रोजगार कैम्प आयोजन के दौरान कोविड महामारी के संक्रमण के रोकथाम के संबंध में शासन द्वारा समय-समय पर जारी की गई गाईड लाईन्स का अनिवार्यतः पालन किया जाए। जिलों के नोडल अधिकारियों को आयोजित किए जाने वाले रोजगार कैम्प के लिए स्थान का चयन और कैम्प में शामिल होने वाले प्रवासी श्रमिकों की संख्या का निर्धारण करने के निर्देश दिए गए हैं। कैम्प के दौरान सभी लोगों द्वारा फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन सुनिश्चित कराने और एक समय में कैम्प में अधिकतम 20 व्यक्तियों की उपस्थिति रखने के निर्देश दिए गए हैं। 
रोजगार कैम्प स्थल पर कोविड महामारी संक्रमण की रोकथाम के लिए सभी आवश्यक वस्तुओं जैसे मास्क, सेनेटाईजर, थर्मल स्केनर आदि की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए गए हैं। जिला स्तर पर प्रवासी मजदूरों की जानकारी नियोक्ताओं को सीधे उपलब्ध कराने को कहा गया है। जिससे नियोक्ता प्रवासी श्रमिकों से सीधे सम्पर्क स्थापित कर सकें। नियोक्ताओं को दूरभाष या वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, वेबीनार जैसे माध्यमों के द्वारा भी प्रवासी श्रमिकों से सम्पर्क करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है। निर्देशों में यह भी कहा गया है कि यदि कोई प्रवासी श्रमिक स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर हेतु चिन्हांकित नियोक्ताओं एवं रोजगार की प्रकृति जानने का इच्छुक हो तो उसे नियोक्ताओं की जानकारी उपलब्ध करायी जाए।

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