प्रदेश के 6461 निजी स्कूलों में आरटीई के तहत प्रवेश के लिए 54 हजार 102 बच्चों का चयन
चयनित नहीं हो पाये बच्चों को दूसरी लॉटरी में अपने आवेदनों को संशोधित कर नवीन आवेदन प्रस्तुत करने का मिलेगा अवसर
रायपुर, शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत निजी स्कूलों में बीपीएल परिवार के बच्चों को निःशुल्क शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए 15 और 16 जुलाई को पहली लॉटरी निकाली गई। प्रदेश में 6 हजार 461 निजी स्कूलों की 81 हजार 452 सीटों के लिए इस लॉटरी में कुल 79 हजार 505 आवेदन प्राप्त हुए थे। पहली लॉटरी में 54 हजार 102 विद्यार्थियों का चयन हुआ है। प्रथम लॉटरी के बाद 17 हजार 111 बच्चों का चयन नहीं हो पाया है। चयनित नहीं हो पाये इन बच्चों को दूसरे लॉटरी में अपने आवेदनों को संशोधित करने एवं नवीन आवेदन प्रस्तुत करने के लिए शालाओं में अन्य मापदण्डों को ध्यान में रखते हुए पुनः आवेदन करने या प्रस्तुत आवेदन में संशोधन करने का अवसर मिलेगा। पुनः आवेदन या प्रस्तुत आवेदन को संशोधन करने की सुविधा 21 जुलाई से प्रारंभ होगी।
संचालक लोक शिक्षण श्री जितेन्द्र शुक्ला ने बताया कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत 15 जुलाई को 14 जिलों की लॉटरी निकाली गई थी। शेष जिलों की लॉटरी 16 जुलाई को निकाली गई। इस प्रकार दाखिले के लिए पहली लॉटरी में राज्य के 6461 निजी स्कूलों में आरटीई के तहत बच्चों को प्रवेश देने के लिए सभी विकल्पों के आधार पर निकाली गई। संचालनालय द्वारा चयनित बच्चों को प्रवेश दिलाने हेतु उनके पालकों को एसएमएस के माध्यम से सूचना भेजी जा रही है। श्री शुक्ला ने बताया कि जिनका आवेदन रदद् हुआ है वे फिर से दूसरे स्कूल के लिए आवेदन कर सकते हैं। सरकार का प्रयास है कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम की पूरी सीट भरी जाए। लोक शिक्षण संचालनालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार पहली लॉटरी जिलेवार स्कूलों में बच्चों के प्रवेश की स्थिति इस प्रकार है। प्रदेश के जिला रायपुर के 825 स्कूलों के लिए 6 हजार 65 बच्चे, बिलासपुर के 606 स्कूलों के लिए 5 हजार 396 बच्चे, दुर्ग में 552 स्कूलों के लिए 4 हजार 350 बच्चे, कोरबा जिले के 288 स्कूलों के लिए 3 हजार 911 बच्चे, जांजगीर चांपा जिले के 406 स्कूलों के लिए 3 हजार 924 बच्चे, राजनांदगांव जिले के 311 स्कूलों के लिए 2 हजार 936 बच्चे, बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के 284 स्कूलों के लिए 2 हजार 894 बच्चे, रायगढ़ जिले के 357 स्कूलों के लिए 3 हजार 62 बच्चे, मुंगेली जिले के 176 स्कूलों के लिए 2 हजार 214 बच्चे, कोरिया जिले के 205 स्कूलों के लिए एक हजार 461 बच्चे, महासमुंद जिले के 224 स्कूलों के लिए एक हजार 732 बच्चे, धमतरी जिले के 205 स्कूलों के लिए एक हजार 384 बच्चे, कवर्धा जिले के 177 स्कूलों के लिए एक हजार 305 बच्चे, शिक्षा जिला सक्ती के 205 स्कूलों के लिए एक हजार 637, बस्तर जिले के 121 स्कूलों के लिए एक हजार 566 बच्चे, सरगुजा जिले के 192 स्कूलों के लिए एक हजार 215 बच्चे, सूरजपुर जिले के 267 स्कूलों के लिए एक हजार 414 बच्चे, जशपुर 175 स्कूलों के लिए एक हजार 189 बच्चे, बेमेतरा जिले के 161 स्कूलों के लिए एक हजार 99 बच्चे, बलरामपुर जिले के 150 स्कूलों के लिए एक हजार 285 बच्चे, कांकेर जिले के 157 स्कूलों के लिए 975 बच्चे, गरियाबंद जिले के 86 स्कूलों के लिए 923 बच्चे, बालोद जिले के 164 स्कूलों के लिए 994 बच्चे, कोण्डागांव जिले के 84 स्कूलों के लिए 647 बच्चे, बीजापुर जिले के 33 स्कूलों के लिए 192 बच्चे, दंतेवाड़ा जिले के 21 स्कूलों के लिए 129 बच्चे, सुकमा जिले के 15 स्कूलों के लिए 120 बच्चे और नारायणपुर जिले के 14 स्कूलों के लिए 83 बच्चे प्रवेश के लिए चयनित हुए हैं।