‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान भारत को आत्मनिर्भर बनाने का मार्ग प्रशस्त करता है : भाजपा

vishnu dev sai
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डेढ़ महीने में ही आत्मनिर्भर भारत अभियान के सकारात्मक प्रभाव भी धरातल पर दिखने लगे हैं : साय

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा है कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान प्रधानमन्त्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का एक सकारात्मक दृष्टिकोण है जो भारत को हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने का मार्ग प्रशस्त करता है। प्रधानमन्त्री श्री मोदी के नेतृत्व में यह अभियान एक आधुनिक भारत की पहचान विश्व में स्थापित करने वाला है। श्री साय ने कहा कि यह अभियान न केवल कोरोना की महामारी से लड़ने की ताकत भारत को दे रहा है अपितु एमएसएमई सहित गरीबों, वंचितों, श्रमिकों और किसानों के कल्याण के कई कदम हर क्षेत्र में विकास की एक नयी कहानी लिख रहे हैं। ‘आत्मनिर्भर भारत’ स्थानीय उद्यमियों और व्यवसायों को सशक्त बनाएगा।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साय ने कहा है कि देश की कुल जीडीपी के लगभग 10 प्रतिशत के बराबर, 20 लाख करोड़ रुपए से अधिक के ‘आत्मनिर्भर भारत’ पैकेज की घोषणा की थी जिसे केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण 13 मई 2020 से 17 मई, 2020 के बीच लगातार 5 दिनों में विस्तार से हर क्षेत्र के लिए अलग-अलग घोषणा की। यह घोषणा कोविड-19 के खिलाफ निर्णायक लड़ाई में भारत को आगे रखे हुए है। इस पैकेज में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा उठाये गए राहत उपायों के अलावे 1.70 लाख करोड़ रुपये की प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना भी शामिल है। आत्मनिर्भर भारत अभियान की घोषणा के डेढ़ महीने में ही मोदी सरकार इस विचार को पूरी तरह से जमीन पर लाने के लिए काफी आगे बढ़ी है और अब इसके सकारात्मक प्रभाव भी धरातल पर दिखने लगे हैं। श्री साय ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) के कल्याण व रोजगार सृजन करने 03 लाख करोड़ रुपए के कोलेटरल फ्री लोन की घोषणा की गई थी। 01 जुलाई तक इसमें 30 लाख से अधिक इकाइयों को आपातकालीन क्रेडिटलाइन गारंटीयोजना के तहत 1.10 लाख करोड़ रुपए से अधिक के ऋण स्वीकृत किए जा चुके हैं। इसके अलावा 50 हजार करोड़ रुपए का एक ‘फंड ऑफ फंडस ‘ भी स्थापित किया गया है। 24 जून को डिस्ट्रेस्ड एसेट्स फंड-सब ऑर्डिनेट डेटलॉ कर दिया गया है। सूक्ष्म विनिर्माण और सोवाओं की परिभाषा में बदलाव कर इसके निवेश व अन्य दायरे में विस्तार किया गया है। इसी तरह 200 करोड़ और उससे कम मूल्य की सरकारी खरीद में ग्लोबल टेंडर पर रोक लगा दी गई है। इसी तरह उद्योगों और श्रमिकों को और तीन महीने तक ईपीएफ सपोर्ट देने के लिए 3.67 लाख संस्थाओं और 72.22 लाख श्रमिकों को 2.5 हजार करोड़ रुपए की लिक्विडिटी राहत दी गई है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साय ने प्रधानमन्त्री गरीब कल्याण योजना की चर्चा करते हुए बताया कि कोरोना संक्रमण से देश के गाँव-गरीब-मजदूर और किसानों की मदद करने हेतु प्रधानमंत्री श्री मोदी ने 1.70 लाख करोड़ रु. की घोषणा की थी, जिसके तहत कृषि सम्मान निदि की किश्तें किसानों को दी गईं। महिला जनधन खाताधारकों के खाते में पाँच-पाँच सौ रु. की तीन किश्तें डाली गई। उज्ज्वला गैस योजना के तहत आठ करोड़ से अधिक महिलाओं को तीन-तीन गैस सिलेण्डर निःशुल्क दिए गए और दिव्यांगों, विधवाओं और बुजुर्गों को भी एक-एक हजार रु. की सहायता दी गई। प्रधानमन्त्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत देश के 80 करोड़ गरीबों एवं प्रवासी मजदूरों को लॉकडाउन से राहत देने के लिए अप्रैल, मई एवं जून महीनों के लिए निःशुल्क राशन प्रदान किया गया। इस योजना को अब नवम्बर माह तक बढ़ा दिया गया है। पूर्व से चली आ रही अन्नपूर्णा योजना के साथ-साथ इस गरीब कल्याण अन्न योजना पर तकरीबन 1.5 लाख करोड़ रु. का अनुमानित खर्च होगा। श्री साय ने कहा कि प्रवासी श्रमिकों को मदद पहुँचाने हेतु ‘वन नेशन, वन राशन कार्ड’ देश के सभी राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों में मार्च 2021 तक लागू हो जाएगा। मनरेगा योजना में सरकार ने 40 हजार करोड़ रूं की अतिरिक्त राशि देने का ऐलान किया है। मनरेगा के लिए अब एक लाख करोड़ रु. से अधिक का आबण्टन किया गया है। मजदूरों की दैनिक मजदूरी में वृद्धि के साथ-साथ मानसून के दौरान मजदूरों को काम देने के लिए कई नियमों में सुधार किए गए हैं। गरीब कल्याण रोजगार योजना की 20 जून को शुरुआत की गई है जिसमें छः राज्यों के 116 जिलों में 125 दिनों तक प्रवासी श्रमिकों की सहायता के लिए 50 हजार करोड़ रु. के सार्वजनिक कार्य कराए जाएंगे।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साय ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत केन्द्र सरकार ने 70.32 लाख किसान क्रेडिट कार्ड 30 जून 2020 तक 62,870 करोड़ रु. की क्रेडिट सीमा के साथ जारी किए गए हैं। 30 जून तक स्पेशल लिक्विडिटी फेसिलिटी के तहत नाबार्ड द्वारा 24,586.87 करोड़ रु. विभिन्न बैंकों में वितरित किए गए हैं। ‘वन नेशन, वन मार्केट’ एसेंशियल कमोडिटीज़ एक्ट में सुधार कर कृषि उत्पादों के भण्डारण की सीमा खत्म कर दी गई। किसानों को अब किसी भी राज्य में अपनी फसल बेचने की सुविधा दी गई है। इसी तरह किसानों को और भी अधिक लाभ पहुँचाने वाली योजनाएँ केन्द्र सरकार ने शुरु की है। एक लाख करोड़ रु के एग्री-इन्फ्रा फण्ड और 10 हजार एफपीओ जैसी सक्षम योजनाओं से कृषि इको सिस्टम को मजबूत किया जा रहा है। सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों का फॉर्मलाइजेशन शुरु हो गया है जिससे 35 हजार करोड़ रु. के निवेश और नौ लाख कुशल व अर्द्धकुशल रोजगार के सृजन का अनुमान है। किसानों को भणडारण और परिवहन पर सब्सिडी देने के लिए 10 हजार करोड़ रु. की योजना शुरु की गई है। प्रधानमन्त्री मत्स्य सम्पदा योजना 20,050 करोड़ रु. के अनुमानित निवेश के साथ स्वीकृत की गई है। इसी तरह 15 हजार करोड़ रु. का पशुपालन अवसंरचना विकास कोष केन्द्र सरकार ने स्थापित किया है। श्री साय ने कहा कि किसानों की फसल पर लागत मूल्य का कम से कम डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य देने का निर्णय किया गया है। केन्द्र सरकार ने स्वामीनाथन रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है। घरेलू कोयले के उत्पादन को प्रोत्साहन देने के लिए वाणिज्यिक कोयला खनन की अनुमति देकर कोल ब्लॉक्स की नीलामी प्रक्रिया शुरु कर दी गई है। इससे 33 हजार करोड़ रु के पूंजी निवेश की उम्मीद है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साय ने कहा कि प्रधानमन्त्री श्री मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार ने मेक इन इण्डिया को बढ़ावा देने के लिए सरकारी ई-मार्केट प्लेस पर लिस्टेड प्रोडक्ट्स पर कम्पनियों को निर्माता देश के बारे में जानकारी देना अनिवार्य कर दिया है। भारत सरकार के मन्त्रालयों/विभागों में सचिवों के समूह और परियोजना विकास प्रकोष्ठों की स्थापना को मंजूरी दी गई है। रक्षा क्षेत्र में डिफेन्स एक्ज़ीबिशन काउंसिल ने 38,900 करोड़ रु. के प्रस्तावों कोमंजूरी दी जिसमें से 31,130 करोड़ रु. का अधिग्रहण भारतीय इण्डस्ट्री से होगा। पीपीपी मॉडल पर हवाई अड्डे बनाने के फैसले के अलावा केन्द्र सरकार ने अन्तरिक्ष गतिविधियों में भी निजी निवेश को बढ़ावा देने और निजी क्षेत्र के लिए भविष्य का मार्ग खोलने हेतु अन्तरिक्ष क्षेत्र में सुधारों को मंजूरी दी। केन्द्र सरकार ने भारतीय राष्ट्रीय अन्तरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केन्द्र को भी मंजूरी दी है। श्री साय ने कहा कि कोरोना संकट की वजह से प्रधानमन्त्री श्री मोदी ने ‘वोकल फॉर लोकल’ का आग्रह देश से किया। देश की अर्थव्यवस्था को कोरोना संकट से लड़ते हुए भी मजबूत और आत्मनिर्भर बनाए रखने के लिए हर देशवासी को इसका संकल्प लेने की अपील प्रधानमन्त्री ने की थी।

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