रायपुर। राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस (INTUC) द्वारा कोरोना राहत सीधे टैक्सपेयर को छोड़कर देश और राज्य के नागरिको को देने की मांग राष्ट्रपति को पोस्टकार्ड लिखवा कर की जा रही हैं जिसकी 21वे भी दिन कंट्रक्शन श्रमिको एवं असंगठित मजदूरों ने राष्ट्रपति को पोस्ट कार्ड लिखे
कंट्रक्शन श्रमिको असंगठित मजदूरों ने लिखा कि कोरोना संकट से अर्थव्यवस्था को उबारने के नाम पर मोदी सरकार देश की जनता पर अपना कारपोरेटपरस्त और सांप्रदायिक राजनीतिक एजेंडा थोपने पर अमादा है। श्रम कानूनों को दरकिनार कर कॉर्पोरेट की मदद मात्र के उद्देश्य से वेतन और भत्तों में कोई वृद्धि किए बिना ही ड्यूटी के घंटे 8 से बढ़ाकर 12 किया जाना उद्योगपतियो को फायदा पहुचना इसकी एक मिसाल है इसके विरोध करते हुवे लिखा कि सरकार लॉक डाउन के दौरान बन्द हुवे उद्योगों में कार्यरत्त श्रमिको वेतन नही देने जैसे फैसले ,श्रम कानून में बदलाव कर मजदूरों के शोषण करने की छूट दिया जा रहा है प्रधानमंत्री द्वारा 20 लाख करोड़ राहत पैकेज की घोषणा करने पर किसी भी जरूरत मन्द को सीधे फायदा नही मिलेगा उनको ऑफिसों की चक्कर काटना पड़ेगा कमीशन देना पड़ेगा। जिसका हम विरोध करते हैं
देश के टैक्सपेयर को छोड़कर सभी के एकाउंट में सीधे कोरोना राहत 10000 हजार रूपये एवं 6 माह तक 7500 प्रतिमाह कोरोना राहत हमारे नेता द्वारा मांगा गया है श्रमिकों ने लिखा की लॉक डाउन के समय बन्द उद्योगों में कार्यरत श्रमिको को पूरा वेतन दिया जाने की मांग किये एवं श्रम कानून उद्योग कानून के बदलाव पर विरोध किये
इंटक कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष दीपक दुबे के समक्ष *पोस्टकार्ड अभियान* के माध्यम से श्रमिक साथी राजेश,राजू निराला,राजू रस्तोगी,केशरी साहू लखन सिदार,शांति गोस्वामी,बजरंग आदित्य,श्रीमती संध्या, आर्यन कुमार सूर्यवंशी, रितेश कुमार,दिलहरण कुमार,सतनाम लसारे,श्रीमती वृन्दाबाई खूंटे, श्रीमती जानकी लसारे,नानबाई खुटे, केवरा बाई,मानमती ताम्रकार, गीता बाई,राधिका सुर्यवंशी, अम्बिका प्रधान, पुरन प्रधान, सीता बाई,टेकराम देवांगन,संतोष देवांगन, अमृत लाल सारथी सहित भारी संख्या में कांग्रेस जनो ने राष्ट्रपति भवन के एड्रेस पर पोस्ट लिख इंटक कांग्रेस की केंद्रीय नेतृत्व की मांग रखे.