साय जैसे अनेक भाजपा नेता प्रदेश नेतृत्व के खिलाफ बिगुल बजाने को आतुर -कांग्रेस

Sushil Anand Shukla
Sushil Anand Shukla

रायपुर/06 जुलाई 2020। वरिष्ठ भाजपा नेता नन्द कुमार साय द्वारा भाजपा के प्रदेश नेतृत्व पर उठाए गए सवाल पर कांग्रेस ने कहा कि प्रदेश भाजपा पर रमन एन्ड कम्पनी के कब्जे के खिलाफ यह दूसरे भाजपा नेता का बगावती तेवर है। प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि यह तो एक नेता का गुबार है भाजपा के हर नेता के दिल मे ऐसे ही बगावत की मशाले जल रही हैं।
यह भारतीय जनता पार्टी का दुर्भाग्य है कि जिन लोगो की कमीशन खोरी और भ्रष्टाचार के कारण भारतीय जनता पार्टी 14 सीटों तक सिमट गयी, उन्ही लोगो के पास आज भी पार्टी की कमान है। साय जैसे जमीन से जुड़े और वरिष्ठ नेताओं की पीड़ा जायज है ।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि नन्दकुमार साय ही नहीं रामविचार नेताम, सरोज पांडे, बृजमोहन अग्रवाल जैसे नेता भी वर्तमान नेतृत्व के पैरलल लगातार बयानबाजी कर अपने महत्व को अलग से रेखांकित करने के जुगत में लगे दिखते है। नन्दकुमार साय निर्भीक नेता है उन्होंने पार्टी नेतृत्व को आइना दिखाने का साहस दिखाया है। बाकी नेता यह साहस नही दिखा पा रहे।
प्रदेश भाजपा का कार्यकर्ता भी देख रहा की उनकी पार्टी के भाजपा नेताओं के द्वारा एक दूसरे को पीछे छोड़ने की जद्दोजहद के कारण प्रदेश की जनता रचनात्मक विपक्ष की कमी साफ महसूस कर रही है। भाजपा का वर्तमान नेतृत्व मात्र रमन सिंह के अहं की तुष्टि की राजनीति कर रहा उसे प्रदेश की जनता के हितों से कोई लेना देना नही है। रमन सिंह के अहं के कारण ही भाजपा ने 2500 में धान खरीदी के समय राज्य के किसानों के हितों के खिलाफ जा कर विरोध किया था। रमन सिंह के अहं के कारण ही भाजपा ने कोरोना संकट के समय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा केंद्र से मांगे गए 30 हजार करोड़ के पेकेज का विरोध किया था। रमन सिंह के अहं की तुस्टी के कारण छत्तीसगढ़ भाजपा ने गरीब कल्याण रोजगार अभियान में छत्तीसगढ़ को शामिल किए जाने के लिए एक बार प्रधानमंत्री को अनुरोध करना भी जरूरी नही समझा था।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि छतीसगढ़ भाजपा रमन सिंह के दुराग्रह के कारण कांग्रेस सरकार का विरोध करने के बजाय राज्य की जनता का विरोध करने लग गयी है। प्रदेश की जनता, भाजपा के चरित्र को भली भांति देख रही है और समझ भी रही है भाजपा के लिए व्यक्ति विशेष के हितों की राजनीति जन हित से बड़ा हो गया। साय जैसे नेता इसीलिए विरोध में खड़े दिख रहे है।

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