जगदलपुर। बस्तर पुलिस ने मोस्ट वांटेड की सूची जारी की है। पिछले पांच दशक से बस्तर क्षेत्र की शांति व्यवस्था एवं विकास के विरोध में माओवादी संगठन द्वारा अनेक हिंसात्मक घटनाओं को अंजाम दिया गया। राज्य गठन के पश्चात अब तक नक्सली हिंसा में 1800 से अधिक जनहानि हुई एवं करोड़ों की शासकीय एवं निजी सम्पत्ति की क्षति हुई।
आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा, महाराष्ट्र एवं अन्य प्रान्तों से उनके शीर्ष माओवादियों द्वारा स्थानीय युवाओं को दिग्भ्रमित जानकारी देकर उनको गुमराह करने की लगातार कोशिश की गई थी, लेकिन बस्तर की शांतिप्रिय जनता माओवादियों की विकास विरोधी एवं मानव विरोधी चेहरा की पहचान करते हुए उनका साथ छोड़कर शासन – प्रशासन एवं सुरक्षाबलों से सम्पर्क में आकर क्षेत्र में विकास कार्यों में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। विगत वर्षों में अनेक स्थानीय युवक – युवती माओवादी संगठन से मोहभंग होकर समाज की मुख्यधारा में जुड़कर एक सामान्य जीवन जी रहे हैं।
बस्तर क्षेत्र को नक्सल आतंक से मुक्त करने हेतु माओवादियों के शीर्ष नेतृत्व को टारगेट करने की आवश्यकता को महसूस करते हुए बस्तर पुलिस द्वारा उनकी प्रोफ़ाइल तैयार की गई है। पुलिस महानिरीक्षक, बस्तर रेंज सुंदरराज पी. द्वारा माओवादियों की मोस्ट वांटेड सूची जारी करते हुए क्षेत्रवासियों से उनके संबंध में जानकारी, आसूचना देने हेतु अपील की गई है।
पुलिस द्वारा यह भी आश्वस्त किया गया कि माओवादियों के संबंध में जानकारी देने वाले व्यक्तियों का नाम, पता को गोपनीय रखा जावेगा एवं उनके ऊपर घोषित ईनाम राशि सूचना देने वाले व्यक्तियों को वितरित की जावेगी ।
पुलिस महानिरीक्षक, बस्तर रेंज सुंदरराज पी. द्वारा पुनः स्थानीय माओवादी कैडर को हिंसा छोड़कर शासन की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के तहत मुख्यधारा में शामिल होने हेतु अपील की गई है।