रायपुर। फिक्की, फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री छत्तीसगढ़ के चेयरमैन एवं जेएसपीएल, जिन्दल स्टील एंड पावर लि. के प्रेसिडेंट श्री प्रदीप टंडन ने कहा कि देश और राज्यों के विकास में खनन सेक्टर की अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका है। कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय और प्रशिक्षण महानिदेशालय के सहयोग से फिक्की छत्तीसगढ़ राज्य परिषद् द्वारा “खनन क्षेत्र में पर्यावरण प्रबंधन एवं कौशल विकास” विषय पर आयोजित वेबिनार में श्री टंडन ने कहा कि राष्ट्र के निरंतर विकास के लिए खनन कार्य आवश्यक है, तो सामाजिक रूप से बेहद संवेदनशील भी। आम तौर पर खनन से प्रदूषण, भू-क्षरण, वनों की कटाई जैसी समस्याएं पैदा हो जाती हैं। इसलिए आज अत्याधुनिक एवं वैज्ञानिक प्रक्रिया अपनाए जाने की जरूरत है, जिससे पर्यावरण संतुलन बना रहे और वन्यजीवों का भी संरक्षण होता रहे। साथ ही साथ औद्योगिक विकास के लिए आवश्यक कच्चे माल की उपलब्धता भी बनी रहे।
इस अवसर पर आईएसडीसी के प्रादेशिक निदेशक श्री एमसी कर्दम ने कहा कि सकल घरेलू उत्पाद में खनन सेक्टर की मात्र 0.5 फीसदी हिस्सेदारी है इसलिए वैज्ञानिक तरीके अपना कर कुशल मानव संसाधन के बल पर तेज गति से काम करने की जरूरत है। तकनीकी प्रशिक्षण से न सिर्फ खानों की उत्पादकता और सुरक्षा बढ़ती है। बल्कि, अत्याधुनिक तकनीक अपनाने में भी सहूलियत होती है। इसलिए आज प्रशिक्षण संस्थाओं की संख्या बढ़ाने की आवश्यकता है। इस कार्य में संस्था और उद्योग का समन्वय बेहद आवश्यक है।
भारतीय वन सेवा के पूर्व अधिकारी श्री रविंद्र सक्सेना ने कहा कि प्राकृतिक संसाधन विकास के बड़े स्रोत हैं। इसलिए विकास की रणनीति के साथ संसाधनों के प्रबंधन का समन्वय जरूरी है। इनका दोहन राज्य व केंद्र सरकार की दीर्घकालिक नीतियों व कार्यक्रमों के अनुरूप होना चाहिए। ऐसी नीति बने, जिससे खनिज पदार्थों का खनन भी हो और वनों का विकास भी। खनन का भूमि, जल, वायु और वन से अन्योन्याश्रय संबंध है। इसलिए हमें एक संतुलित नीति पर चलना होगा। फिक्की की छत्तीसगढ़ राज्य ईकाई द्वारा खनन क्षेत्र में स्किल डेवलोपमेन्ट एवं इंटरपिनेरशिप की वेबिनार द्वारा उद्यमिता के लिए संवाद सत्र के आयोजन की युवाओं हेतु आवश्यकता को निरंतरता देनी होगी, ऐसा उद्योग जगत का भी मानना है।