असंवेदनशील सरकार की तरफ से आम लोगों को एक और झटका
रायपुर: कोरोनो संकट के बीच आम आदमी पर महंगाई के मार जारी है पेट्रोल डीज़ल की कीमत में 18 वें दिन बढोतरी का सिलसिला जारी है छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमेटी की प्रदेश प्रवक्ता वंदना राजपूत ने कहा कि इतिहास में पहली बार पेट्रोल से महंगा हुआ है डीज़ल लगातार 18 वें दिन डीज़ल की कीमत में लगभग 11रूपये प्रति लीटर की बढ़ोत्तरी हुई है एवं पेट्रोल लगभग 10 रुपये महंगा हुआ है।
वंदना राजपूत ने कहा कि डीज़ल का उपयोग अधिकतर कृषि कार्य में एवं परिवहन मे होता है डीज़ल के दामों में लगातार बेताहाशा वृद्धि होने से हमारे किसान भाई एवं बहनें चिंतित है।जितनी आमदनी नही उससे अधिक खर्च हो जायेगा रहा है पेट्रोल डीज़ल के दामों मे लगातर वृद्धि हो रही है और केन्द्र सरकार सत्ता के नशे में धुत्त सो रही है । मोदी ने डीज़ल के दामों को बढ़ा कर साबित कर दिया है कि उसे किसान एवं आम जनता के हितों की कोई चिंता नही है ।
वंदना राजपूत ने कहा कि साल 2012 में जब मोदी जी गुजरात के मुख्यमंत्री थे और केंद्र में यूपीए की सरकार थी तब मोदी जी ने ट्वीट किया था कि “पेट्रोल की कीमतों में बढोत्तरी यूपीए की नाकामी है इससे करोड़ों गुजरातियों पर असर पड़ेगा” मोदी जी अब आपने तो पेट्रोल के साथ – साथ ना केवल डीज़ल के दाम तो बढ़ाया है बल्कि इतिहास रच दिया है कि पेट्रोल से भी महंगा डीजल हो गया है। अब क्या इस महंगाई का गुजराती भाइयों पर असर नहीं पड रहा । मोदी जी आपने तो इस बढ़ती हुई महंगाई से गरीब मजदूर जनता को गरीबी की ओर और ज़ोर से धकेल दिया है ।
वंदना राजपूत ने कहा कि स्मृति ईरानी जी पहले तो आप 1 पैसे भी पेट्रोल डीज़ल महंगा होता था तो आप रास्ते पर आकर ढींढोरा पीटती थीं, अब क्या हुआ आपके भाजपा शासन मे तो इन लगातार 18 वें दिन मे पेट्रोल मे 10 रुपये एवं डीज़ल में 11 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि हुई है अब आप नही कहेंगी कि पेट्रोल की कीमतों में बार- बार वृद्धि. हो रही है । भाजपा सरकार लोगों की तकलीफों को नजर अंदाज़ करती है सत्ता के नशे में चूर है।
डीजल पेट्रोल की कीमत बढ़ाने का चौतरफा असर होता है इससे ट्रांसपोर्ट की लागत बढ़ जायेगी और महंगाई भी बढेगी. तो जनता पर दोहरी मार पड़ेगी. एक तरफ ट्रांसपोर्ट के लिये ज्यादा किराया देना पडेगा अउर महंगे सामान खरीदने पडेगे।
वंदना राजपूत ने कहा कि मोदी सरकार कोरोना महामारी को फैलने से रोकने तथा पेट्रोल डीजल के दाम नियंत्रित करने में असफल साबित हुई है।