भोपाल :मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के लिए अधिकारियों और कर्मचारियों से सुझाव आमंत्रित करने, उनके संकलन, परीक्षण और क्रियान्वयन के उद्देश्य से बनाए गए मध्यप्रदेश इनोवेशेन चैलेंज पोर्टल का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोविड-19 की बड़ी समस्या को जहाँ आम नागरिकों ने चुनौती के रूप में स्वीकार कर इसके नियंत्रण में भागीदारी की वहीं सभी अधिकारियों और कर्मचारियों ने भी अपनी पूर्ण क्षमता से जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए इस महामारी को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने दी अधिकारियों-कर्मचारियों को बधाई
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोविड-19 एक चुनौती भी थी और एक अवसर भी। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने आत्मनिर्भर भारत बनाने का मंत्र दिया है। इसके लिए आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश भी बहुत आवश्यक है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उपयोगी सुझाव मिलेंगे तो उससे प्रदेश की दशा बदलने में बहुत सहयोग मिलेगा। लोकल को वोकल बनाने का मंत्र हो अथवा कुटीर उद्योगों और एमएसएमई सेक्टर को मजबूत बनाने का सुझाव, विभिन्न उपायों से आत्मनिर्भरता को प्राप्त करना आवश्यक है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में किसानों के FPO के गठन की बात हो या स्व-सहायता समूहों को सशक्त बनाने की, अब तक बेहतर कार्य हुआ है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कोरोना नियंत्रण के लिए प्रतिभा का उपयोग करते हुए नियंत्रण के ठोस प्रयासों से लगातार मिल रही सफलता के लिए अधिकारियों-कर्मचारियों को बधाई दी।
आपसी समन्वय से रिकार्ड गेहूं उपार्जन
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश ने गेहूँ उपार्जन का ऑल टाइम रिकार्ड स्थापित कर दिया। यह संबंधित विभागों के अमले, किसानों की मेहनत और सभी संबंधित एजेंसियों के परस्पर समन्वय और कर्तव्यनिष्ठा का परिणाम है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि श्रम सुधार और मण्डी कानून में संशोधन का कार्य प्रक्रिया के मान से महीनों का था, जो कुछ दिनों में ही कर दिखाया गया।
आत्मनिर्भर पैकेज का लाभ लेने में अव्वल हो मध्यप्रदेश
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कोविड-19 से उपजे हालातों में विभिन्न वर्गों को राहत के लिए जो 20 हजार करोड़ का पैकेज घोषित किया है, उसका लाभ लेने में मध्यप्रदेश अग्रणी होना चाहिए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में रोजगार सेतु पोर्टल पर 7 लाख 30 हजार श्रमिकों का पंजीकृत हो जाना, स्ट्रीट वेण्डर्स के कल्याण की पहल, विद्युत क्षेत्र में सुधार, वन नेशन-वन राशन कार्ड के साथ ही मध्यप्रदेश में पूर्व में लागू ऑनलाइन व्यवस्थाओं जैसे समाधान ऑनलाइन, जन सुनवाई, खनिज और अन्य प्राकृतिक संसाधनों के बेहतर इस्तेमाल, आवास योजनाओं के क्रियावयन, आई.टी.आई अपग्रेडेशन, ग्लोबल पार्क, मनरेगा से स्थायी निर्माण कार्य, पर्यटन क्षेत्र में नए केन्द्रों का विकास, चिकित्सा शिक्षा, स्कूल शिक्षा और उच्च शिक्षा में बेहतर व्यवस्थाओं की उपलब्धियों को दोहराया जा सकता है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आशा व्यक्त की कि इनोवेशन चैलेंज पोर्टल वर्तमान योजनाओं के बारे में प्राप्त सुझावों, नए विचारों और उपायों के साथ ही नवीन योजनाओं और नवीन तकनीक से जुड़े पहलुओं पर कार्य के लिए उपयोगी सिद्ध होगा। आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के लिए आमजन से भी सुझाव प्राप्त किये जायेंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि वरिष्ठ अधिकारियों से आगामी 30 जून तक सुझावों के साथ ही राजस्व वृद्धि के उपायों और सुशासन से संबंधित नवीन विधियों, विभागों के बेहतर कार्य संचालन की युक्तियों को भी संकलित किया जाएगा।
मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस ने मध्यप्रदेश इनोवेशन चैलेंज पोर्टल के स्वरूप और उपयोगिता की जानकारी दी। मुख्य सचिव श्री बैंस ने कहा कि मध्यप्रदेश में उत्कृष्ट विचारों और नवाचारों की चर्चा विश्व स्तर पर हुई है। इस पोर्टल के माध्यम से नवीन सुझावों के साथ ही वर्तमान शासकीय प्रणाली में आम लोगों के कल्याण की दृष्टि से क्या परिवर्तन आवश्यक हैं, इस संबंध में भी सुझाव प्राप्त होंगे। इन सुझावों के परीक्षण के बाद चयनित सुझावों पर अमल की कार्यवाही की जायेगी। इस वर्ष मंथन कार्यशाला का एजेण्डा भी इस पोर्टल पर प्राप्त सुझावों के अनुरूप निर्धारित किया जायेगा। बैठक में सचिव मुख्यमंत्री श्री सेलवेंद्रन,अपर सचिव श्री ओम प्रकाश श्रीवास्तव उपस्थित थे।