नई दिल्ली/पटना : केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने बिहार को 100 प्रतिशत “हर घर जल” राज्य बनाने के लिए प्रतिबद्धता और पूर्ण सहयोग का विश्वास दिया है। मुख्यमंत्री श्री नितीश कुमार को एक पत्र में उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने 2020-21 के दौरान बिहार के लिए आवंटित निधि को 1,832.66 करोड़ रुपए कर दिया है, जो पिछले वर्ष से सवा दो गुने से भी अधिक है। इस प्रकार इस वर्ष के आवंटन सहित अब बिहार के पास जल जीवन मिशन के अंतर्गत केंद्रीय निधि के रूप में 2,052.95 करोड़ रुपए उपलब्ध हैं। इस प्रकार ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्येक ग्रामीण परिवार को नल कनेक्शन उपलब्ध कराने के लिए जल जीवन मिशन के अंतर्गत कुल 4,339.95 करोड़ रुपए उपलब्ध होंगे। इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार बराबर रक़म उपलब्ध कराएंगी।
श्री शेखावत ने बिहार सरकार के जल जीवन मिशन अभियान के लक्ष्य को वर्ष 2020-21 तक ही पूरा करने के निर्णय के प्रति अपनी खुशी ज़ाहिर की और बिहार को केंद्रीय सहायता की अपनी प्रतिबद्धता भी व्यक्त की। इस सहायता से राज्य के 1.81 करोड़ ग्रामीण परिवारों को लाभ होगा। मंत्री महोदय ने कहा कि सरकार की यह सोच भविष्योन्मुखी और जनहितैषी है। उन्होंने यह भी बताया कि वर्ष 2019-20 मैं बिहार सरकार ने 29.11 लाख परिवारों को नल कनेक्शन उपलब्ध कराए हैं।
श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने बिहार के मुख्यमंत्री श्री नितीश कुमार, द्वारा कोविड-19 के कुशल प्रबंधन की सराहना की व समस्त बिहार वासियों के अच्छे स्वास्थ्य की कामना की, व इस आपदा काल में बिहार के शासन-प्रशासन के उल्लेखनीय प्रदर्शन, विशेष रूप से अन्य राज्यों से घर वापसी कर रहे लोगों को बेहतर सेवा व सुविधा प्रदान करने के प्रयासों की भूरि भूरि सराहना की।
आर्सेनिक, फ्लोराइड व जापानी एन्सेफलाइटिस से प्रभावित गांवों में सुरक्षित जल उपलब्ध कराने के लिए भी सरकार प्रयासरत है। श्री शेखावत ने विश्वास व्यक्त किया कि मौजूदा स्कीमों वाले गांवों में सभी परिवारों को नल कनेक्शन उपलब्ध हो सकेंगे, जिसके तहत समाज के पिछडे वर्गों विशेषकर गरीब और अनुसूचित जाति के परिवारों को प्राथमिकता के आधार पर नल कनेक्शन उपलब्ध हो पाएँगे। इस तरह मौजूदा योजनाओं का स्तर बढ़ाकर और रिट्रोफिटिंग कर ‘मिशन मोड’ में नल कनेक्शन उपलब्ध कराए जाएं तो ये गांव अल्प समय में ही ‘हर घर जल गांव’ बन सकते हैं।
वर्ष 2020-21 के दौरान बिहार में 15वें वित्त आयोग के अनुदान के रूप में पंचायती राज संस्थानों को 5,018 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं, और इस राशि का 50% भाग अनिवार्य रूप से जल आपूर्ति और स्वच्छता पर व्यय किया जाना है। इस धन का उपयोग पानी के श्रोतों के ऐक्वफ़र रीचार्ज के लिए किया जा सकता है ज़िससे योजना लम्बे समय तक ग्रामीणों को साफ़ पानी देती रहेगी। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत दूषित पानी के उपचार और फिर से उपयोग के लिए भी अलग से धनराशि प्रदान की जाएगी।
‘हर घर जल गांव’ के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए समुचित योजना और धन जुटाने की आवश्यकता होगी। विभिन्न कार्यक्रमों के अभिसरण पेयजल आपूर्ति प्रणालियों के दीर्घावधिक स्थायित्व के लिए मौजूदा पेयजल श्रोतों को बेहतर बनाना होगा। इसके लिए प्रत्येक गांव की ग्राम कार्य योजना (वी.ए.पी.) बनाई जानी चाहिए, ताकि पंचायती राज संस्थानों, जिला खनिज विकास निधि, स्थानीय क्षेत्र विकास निधि व 15वें वित्त आयोग से अनुदान प्राप्त हो सके।
इस सभी के अतिरिक्त, दीर्घकालिक स्थायित्व सुनिश्चित करने के लिए गांवों में जल आपूर्ति प्रणालियों की आयोजना, कार्यान्वयन, प्रबंधन, प्रचालन व रख-रखाव में स्थानीय समुदाय/ ग्राम पंचायतों और अथवा इसकी उप समिति/ प्रयोक्ता समूहों को शामिल करना होगा। सभी गांवों में सामुदायिक एकजुटता के साथ आई.ई.सी. अभियान चलाया जाना आवश्यक है ताकि जल जीवन मिशन को वास्तव में एक जन आंदोलन बनाया जा सके।
जनजातीय क्षेत्रों/ वनों के गांवों में नल जलापूर्ति योजनाओं की आयोजना के दौरान प्रचालन एवं रखरखाव पर किफ़ायत करने पर बल दिया जाए ताकि स्थानीय समुदाय गांव में जलापूर्ति प्रणाली का प्रबंधन, प्रचालन व रख-रखाव कर सकें, और प्रत्येक परिवार को नियमित तौर पर पीने लायक पर्याप्त पानी मिल सके।
‘कोविड-19’ महामारी को देखते हुए यह महत्वपूर्ण है कि लोग सार्वजनिक नलों/ सार्वजनिक जल स्रोतों पर भीड़ न लगाएं। इसलिए यदि सभी गांवों में जल आपूर्ति का काम वरीयता के आधार पर “हर घर नल” का कनेक्शन प्रदान करने के लिए किया जाता है तो सामाजिक दूरी का पालन करने में सहायता मिलेगी और स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था भी पनपेगी।
श्री शेखावत ने राज्य को केंद्र सरकार की ओर से हर तरह के सहयोग का आश्वासन दिया और जल्दी ही वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए विस्तृत चर्चा करने की इच्छा ज़ाहिर की।