भोपाल,मोदी सरकार में वर्तमान मंत्री भ्रम पैदा करते है और पूर्व मंत्री उस भ्रम को जगह जगह फैलाने का काम करते है। पूर्व केंद्रीय नंत्री जयंत सिन्हा यही काम कर रहे है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा द्वारा भोपाल में बजट पर एलआईसी जैसी संस्थाओं के निजी करण को लेकर दिए गए वक्तव्य को भ्रामक बताते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने सवाल किया है कि सिन्हा किस आधार पर कह रहे हैं कि पॉलिसी होल्डर अब शेयर होल्डर हो जाएगा । जो पालिसी होल्डर की देनदारियां हैं क्या वे निजीकरण के बाद भी पूरी होगी और उसके भुगतान के लिए कौन फैसले करेगा? सिन्हा को यह बताना चाहिए की क्या सरकार ने बीमा कानून बदल दिया है या पॉलिसी होल्डर को शेयर होल्डर मानने की वैधानिक व्यवस्था कर दी गई है ?
गिरती हुई अर्थव्यवस्था को ट्रेड वार का नाम देकर छुपाना देश के लिए घातक हो सकता है इसकी जिम्मेदारी से सरकार क्यों बचना चाहती है ?सिन्हा को यह बताना चाहिए कि मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में 24. 99 परसेंट की ग्रोथ स्टोरी चलाने वाले उनके पूर्व मुख्यमंत्री किसानों की कर्जे की सूची क्यों मांगने लगते हैं क्या 24.99 परसेंट की ग्रोथ स्टोरी झूठी और भ्रामक थी?
आज देश को वास्तविक आंकड़े और वास्तविक सांख्यिकी की जरूरत है जिसे भाजपा की सरकार उसी तरह छुपाना चाहती है जैसे अहमदाबाद में गरीबी को दीवाल बनाकर छुपाना पड़ रहा है ।भाजपा का बजट देश के लिए एक विपत्ति का संकेत है अदक्षता का संकेत है जिसे स्वीकार करने से ही समाधान के रास्ते निकलेंगे। बीमारी इंकार करने से नहीं ब इलाज करने से ठीक होती है।
गुप्ता ने कहा कि जयंत सिन्हा को यह बताना चाहिये कि माल्या,नीरव मोदी जैसे लोगों के भागने से क्रेडिट शाक आ रहे हैं तो उन्हें पकड़कर लाने की जिम्मेवारी किसकी है।