मध्यप्रदेश : अब बिजली बिल में सुधार बिलिंग साफ्टवेयर से

भोपाल : उपभोक्ता के बिजली बिल में किसी भी प्रकार का परिवर्तन बिलिंग साफ्टवेयर के माध्यम से ही किया जाए। यह मेन्युअली नहीं होना चाहिये। मैदानी कनिष्ठ व सहायक अभियंता उपभोक्ता के विद्युत लोड की नियमित चेकिंग करें और लोड बढ़ने पर कार्रवाई करें। प्रमुख सचिव ऊर्जा श्री संजय दुबे ने जबलपुर में बिजली कंपनियों के मुख्यालय से वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से बिजली वितरण कंपनियों के कार्यों की समीक्षा की।

प्रमुख सचिव ने कहा कि डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी में मुख्य अभियंता से ले कर कनिष्ठ अभियंता स्तर तक के सभी अभियंता राजस्व वसूली पर विशेष रूप से ध्यान दें। बिजली चोरी पर कड़ी कार्रवाई की जाए। उन्होंने वितरण कंपनियों के पूंजीगत कार्यों, डिस्कॉम-ट्रांस्को-जेनको के मध्य समन्वय, हानियों को न्यूनतम करने, बिलिंग व राजस्व वसूली की क्षमता में बढ़ोत्तरी, केएफडब्ल्यू-एडीबी-जेआईसीए की वित्तीय सहायता से किए जा रहे कार्यों, वितरण ट्रांसफार्मरों की उपभोक्ताओं के साथ इंडेक्सिंग जैसे विषयों पर चर्चा की। श्री दुबे ने चालू वित्तीय वर्ष में उनके सुचारू क्रियान्वयन पर सभी बिजली कंपनियों को समन्वय से कार्य करने को कहा। उन्होंने स्टेट लोड डिस्पेच सेंटर का अवलोकन कर उसकी कार्य-प्रणाली की जानकारी भी ली।

वीडियो कांफ्रेसिंग में पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध संचालक श्री वी. किरण गोपाल, पावर ट्रांसमिशन कंपनी के प्रबंध संचालक श्री पीएआर बेन्डे, जनरेटिंग कंपनी के प्रबंध संचालक श्री मनजीत सिंह, ऊर्जा विभाग के विशेष कर्त्तव्यस्थ अधिकारी श्री एस.के. शर्मा, ऊर्जा विभाग के उपसचिव श्री नीरज अग्रवाल, पावर मैनेजमेंट कंपनी के मुख्य महाप्रबंधक श्री राजीव केसकर और भोपाल से मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध संचालक श्री विशेष गढ़पाले एवं इंदौर में पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध संचालक श्री विकास नरवाल सहित अन्य वरिष्ठ अभियंता उपस्थि‍त थे।

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